मुजफ्फरपुर के जिला स्वास्थ्य विभाग का दावा, कालाजार से मुक्त हुआ जिला
राष्ट्रीय मानक के हिसाब से दस हजार की आबादी पर एक या उससे कम मरीज होने पर जिले को कालाजार से मुक्त माना जाता है। अति संवेदनशील माने जाने वाले जिले से कालाजार का उन्मूलन हो गया है इसका दावा किया जा रहा है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य विभाग ने जिले को कालाजार मुक्त मान लिया है। राष्ट्रीय मानक के हिसाब से दस हजार की आबादी पर एक या उससे कम मरीज होने पर जिले को कालाजार से मुक्त माना जाता है। अति संवेदनशील माने जाने वाले जिले से कालाजार का उन्मूलन हो गया है इसका दावा किया जा रहा है। जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डा.सतीश कुमार ने कहा कि अभी जिले में 87 कालाजार के मरीज हैं। यह आंकड़ा साल 2020-21 का है। उन्होंने बताया कि दिसंबर माह तक विभाग कालाजार उन्मूलन को लेकर छिड़काव अभियान चला रहा है। ऐसे में अगर दिसंबर तक एक भी मरीज नहीं मिलते हैं तो जिला को कालाजार उन्मुलन मान लिया जाएगा। जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर लगातार अभियान चल रहा है। जागरूकता, मरीजों की खोज, इलाज व बालू मक्खी को मारने के लिए एसपी का छिड़काव जारी है। इस साल छिड़काव का पहला चरण पूरा कर लिया गया है। दूसरे चरण को लेकर तैयारी चल रही है। अगस्त महीने से सभी 16 प्रखंड में एक साथ छिड़काव किया जा रहा है। इसके लिए राज्य मुख्यालय से दो मीट्रिक टन दवा की खेप पहुंच गई है।
यह मानक है :
वेक्टरजनित रोग पदाधिकारी ने बताया कि जिस राजस्व गांव में जहां पिछले तीन साल में एक मरीज मिले वैसे गांव को छिड़काव के पैनल में रखा गया हैं, जहां पर मरीज तीन से अधिक नहीं मिल रहे वहां पर छिड़काव नहीं होगा चिन्हित गांव में टीम जाकर छिड़काव करेगी। हर स्तर पर निगरानी के लिए छिड़काव का निरीक्षण किया जा रहा हैं। साहेबगंज, पारू व मोतीपुर को लेकर लगातार कैंप लगाया जा रहा है।
टीकाकरण में अनियमितता के खिलाफ विरोध मार्च
मोतीपुर (मुजफ्फरपुर), संस : कोरोना टीकाकरण में अनियमितता बरतने से आक्रोशित पट्टी असवारी पंचायत के उजड़ी ठीकहा के ग्रामीणों ने सिकंदर महतो के नेतृत्व में विरोध मार्च निकाला। लोगों ने पंचायत के विभिन्न गांवों का भ्रमण करते हुए स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विरोध मार्च में शामिल लोगों ने बताया कि एक ओर जहां देश कोरोना माहमारी से त्रस्त है। वहीं, कोविड 19 के तीसरी लहर को लेकर सरकार गंभीर है। बावजूद पीएचसी प्रबंधन लापरवाह बना है। लोगों का आरोप है कि हम लोग जब वैक्सीन के लिए पीएचसी जाते हैं तो बताया जाता है वैक्सीन समाप्त हो गई है। जबकि बिचौलियों के माध्यम से नियोजित ढंग से रात के अंधेरे में अपने लोगों को वैक्सीन दी जाती है। विरोध मार्च में ललिता देवी, श्रीपति देवी, कमलेश कुमार, निरंजन कुमार, जितेंद्र महतो, मनोज कुमार, संजय कुमार आदि शामिल थे।