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मुजफ्फरपुर के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के लिए जिले को मिले 2.94 करोड़

1272 बच्चों को वर्ष 2017-18 और 1530 बच्चों को वर्ष 2018-19 के लिए मिली राशि। 67 करोड़ रुपये स्वीकृत व विमुक्त किए गए अनुदान के रूप में सूबे के सभी जिलों को मिलाकर। वहीं वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 1530 बच्चों के लिए राशि कुल 1.81 करोड़ होती है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 10:59 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 10:59 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के लिए जिले को मिले 2.94 करोड़
निजी स्कूल संचालकों ने कई बार डीईओ को ज्ञापन सौंपा था।

मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को आरटीई के तहत प्रस्वीकृत निजी स्कूलों में निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने को लेकर सरकार ने दो वित्तीय वर्ष का अनुदान स्वीकृत व विमुक्त किया है। इसमें वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 1272 बच्चों का और वर्ष 2018-19 के लिए 1530 बच्चों के लिए राशि विमुक्ति की गई है। यह राशि निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत कोटे के अधीन कमजोर और अलाभकारी समूह के नामांकित बच्चों की प्रतिपूर्ति के लिए शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1272 बच्चों को 8953 रुपये प्रति विद्यार्थी और 2018-19 में 1530 बच्चों को 11 हजार 869 रुपये प्रति विद्यार्थी देय होगा। इसमें से वित्तीय वर्ष 2017-18 में मुजफ्फरपुर को कुल एक करोड़ 13 लाख 88 हजार रुपये होते हैं। इसमें से 64 लाख 57 हजार रुपये जिले को दिए जा चुके हैं। यह राशि जिला में निकासी भी की जा चुकी है। शेष 49 लाख रुपये की स्वीकृति मिल गई है। 

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बैंक खाते में ही भेजी जाएगी

वहीं वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 1530 बच्चों के लिए राशि कुल 1.81 करोड़ होती है। इसमें से 52.5 लाख रुपये विमुक्त किए गए हैं। शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज की ओर से जारी विमुक्ति आदेश में कहा गया है कि स्वीकृत राशि की निकासी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना द्वारा विद्यालय के प्राचार्य से प्राप्त प्री-रिसिप्ट के आधार पर की जाएगी। डीपीओ स्थापना राशि की निकासी कर डीपीओ एसएसए को हस्तगत करेंगे। राशि सीधे स्कूलों के बैंक खाते में ही भेजी जाएगी। इस राशि का अन्य किसी भी मद में प्रयोग नहीं करने को कहा गया है। बता दें कि इस मद की राशि को लेकर निजी स्कूल संचालकों ने कई बार डीईओ को ज्ञापन सौंपा था।

2010 से देश में प्रभावी है आरटीई

देशभर में वर्ष 2010 में अप्रैल माह से ही आरटीई देशभर में प्रभावी है। इस अधिनियम की धारा 38 के तहत प्रदेश के बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई है। इसका सफल क्रियान्वयन ही इस योजना का लक्ष्य है। इसके अंतर्गत राज्य के मान्यताप्राप्त निजी विद्यालयों में कुल सीटों के 25 प्रतिशत पर समाज के कमजोर एवं अभिवंचित वर्ग के बच्चों का नामांकन कर शिक्षा प्रदान किया जाना है।  


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