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AES in Muzaffarpur : एईएस से बचाव के लिए गांवों की चौपाल में अब चमकी पर चर्चा, लोगों को इस तरह किया जा रहा जागरूक

AES in Muzaffarpur एईएस प्रभावित गांवों के महादलित टोलों में प्रतिदिन शाम में आशा सेविका सहायिका व पर्यवेक्षिका चमकी पर चर्चा का आयोजन कर रहीं हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 01:34 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 01:34 PM (IST)
AES in Muzaffarpur : एईएस से बचाव के लिए गांवों की चौपाल में अब चमकी पर चर्चा,  लोगों को इस तरह किया जा रहा जागरूक
AES in Muzaffarpur : एईएस से बचाव के लिए गांवों की चौपाल में अब चमकी पर चर्चा, लोगों को इस तरह किया जा रहा जागरूक

मुजफ्फरपुर, अमरेंद्र तिवारी। गर्मी के दिनों में बच्चों के लिए कहर बनकर आने वाली बीमारी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का स्पष्ट कारण अबतक नहीं पता चल पाया है। इसलिए अभी जागरूकता ही चमकी बुखार से बेहतर बचाव माना जा रहा है। इस संबंध में जिला प्रशासन ने नई पहल की है। सबसे अधिक प्रभावित रहने वाले गांवों में चौपाल लगाकर चमकी पर चर्चा की जा रही है।

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चौपाल में चर्चा

एईएस प्रभावित गांवों के महादलित टोलों में प्रतिदिन शाम में आशा, सेविका, सहायिका व पर्यवेक्षिका चमकी पर चर्चा का आयोजन कर रहीं हैं। वहीं जिलाधिकारी व सिविल सर्जन की टीम ने सर्वाधिक प्रभावित 196 गांवों को गोद ले रखा है जहां अधिकारी समय-समय पर चमकी पर चर्चा का आयोजन कर रहे हैं। इसमें चमकी बुखार के लक्षण व बचाव के बारे में लोगों को बताया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह कहते हैं कि पंचायत स्तरीय समिति और ग्राम स्तरीय टीम के माध्यम से सघन जनजागरण पर बल दिया गया है।

चर्चा के केंद्र में ये बातें :

- बच्चों को धूप से बचाएं। खाली पेट नहीं रहने दें।

- स्वास्थ्य समस्या होने पर आंगनबाड़ी सेविका और आशा से तत्काल संपर्क करें।

- पंचायतों में टैग किए गए वाहन मालिकों के मोबाइल नंबर सार्वजनिक स्थल पर डिस्प्ले हों।

- सेविका, सहायिका और आशा हर घर विजिट कर बच्चों के स्वास्थ्य पर पूरी नजर रखें।

- कोई भी बुखार पीडि़त बच्चा मिले तो उसेे तुरंत अस्पताल लाया जाए।

-ओझा के चक्कर में नहीं पड़ें।

इस साल अबतक तीन बच्चों की मौत

पिछले साल जिले में 431 बच्चे अस्पतालों में पहुंचे थे। उनमें 111 की मौत हो गई। इस साल अब तक सात बच्चे भर्ती हुए, जिनमें तीन की मौत हो गई है। सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने कहा कि चमकी पर चर्चा का आयोजन चल रहा है। आशा, सेविका, सहायिका की मदद से एईएस के प्रति यह जागरूकता की पहल है।

किस प्रखंड में कितने मरीज

प्रखंड-------मरीज

औराई-------13

बंदरा--------5

बोचहां-----24

गायघाट----9

कांटी------70

कटरा-----10

कुढनी-------23

मड़वन----31

मीनापुर-----76

मोतीपुर-----32

मुरौल----2

मुशहरी-----87

पारू-------15

साहेबगंज----6

सकरा-----8

सरैया-----16

मुजफ्फरपुर निगम---4 


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