Samastipur: दिव्यांग बच्चों को समावेशी शिक्षा से मिलेगा उपकरण, विभाग की ओर से घर-घर होगा सर्वे
Samastipur News दिव्यांगों की पहचान कर उन्हें उपलब्ध करायी जाएंगी सुविधाएं। 03-18 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों को किया जाएगा चिह्नित। जिले में दो महीने तक चलेगा सर्वे कार्य। जिले में सर्वेक्षण कार्य एक अप्रैल से शुरू होगा।
By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 03:22 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 03:22 PM (IST)
समस्तीपुर, जासं। बिहार शिक्षा परियोजना के अंतर्गत संचालित समावेशी शिक्षा के माध्यम से जिले के सभी प्रखंड क्षेत्रों में गृह आधारित दिव्यांग बच्चों के सर्वे का कार्य शुरू होगा। इसको लेकर विभागीय प्रक्रिया तेज कर दी गई। जिले के प्रत्येक प्रखंड में दिव्यांग बच्चों की संपूर्ण जानकारी प्रखंड दिव्यांगता पंजी में है। प्रत्येक वर्ष इसका डोर-टू-डोर सर्वे के आधार पर अपडेट किया जाता है। इस साल भी जिले में कार्यरत सभी संसाधन शिक्षक, पुनर्वास विशेषज्ञ व समावेशी शिक्षा के प्रखंड साधन सेवी ही डोर-टू-डोर सर्वे करेंगे।
जिले में सर्वेक्षण कार्य एक अप्रैल से शुरू होगा। यह कार्य दो माह में ही कर लेना है ताकि पांच जून तक कार्यालय को साफ्ट व हार्ड कॉपी में एसएसए कार्यालय को रिपोर्ट जमा की जा सके। विभाग ने हर हाल में दो महीने में ही कार्य को संपन्न कराने का आदेश दिया है। सर्वे के बाद विद्यालय स्तर पर अपडेट बाल पंजी में अंकित दिव्यांग बच्चों की सूची के साथ मिलान किया जाएगा। वहीं जिन दिव्यांग बच्चों का नाम नहीं होगा, उसे सूची में हर हाल में जोड़ा जाएगा। जिलास्तर पर टीम गठित कर सर्वेक्षण इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।
दिव्यांगों को मिलेंगी सुविधाएं
सर्वे में तीन से लेकर 18 वर्ष के दिव्यांग बच्चों को चिह्नित किया जाएगा। इनकी संपूर्ण जानकारी एकत्रित की जाएगी। इसके बाद समावेशी शिक्षा के तहत इन्हें सरकारी द्वारा संचालित सभी योजनाओं के तहत उचित सुविधाएं उपलब्ध करायीं जाएंगी। दिव्यांग बच्चो को पढ़ाई की मुख्यधारा से जोड़ने और उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार की विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही है। जिले के प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों को एस्कार्ट भत्ता देने की शुरुआत की गई है। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से जिले के सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों को दिव्यांगता के आधार पर उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जानी है। जिससे उनका पठन-पाठन बाधित न हो।
दिव्यांगता के प्रकार
मानसिक मंदता, ऑटिज्म, सेरेब्रेल पॉल्सी, मानसिक रोगी, श्रवण बाधित, मूक निशक्ता, ²ष्टि बाधित, अल्प ²ष्टि, चलन निशक्ता, कुष्ट रोग, बौनापन, तेजाब हमला पीड़ित, मांसपेशी दुर्विकास, स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबलिटि, बौद्धिक निशक्ता, मल्टीपल स्कलेरोसिस, पार्किसस रोग, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया।
इस संबंध में समस्तीपुर शिक्षा विभाग के डीपीओ (एसएसए) शिवनाथ रजक ने कहा कि दिव्यांग बच्चो की सुविधाओं का ख्याल रखने और उनसे जुड़ी योजनाओं के शत प्रतिशत संचालन का निर्देश जारी किया गया है। इसको लेकर जिले के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को आदेश दिया गया है। एक अप्रैल से सर्वे कार्य शुरू होगा। पांच जून तक डॉटा अपडेट कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
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