Move to Jagran APP

आश्रय गृहों में अब पुलिस-प्रशासन की जबरदस्ती नहीं चलेगी, पीडि़तों को नहीं रख पाएगा जबरन

श्रेणी के अनुसार जिले में आश्रय गृह नहीं होने पर निकटतम जिले में भेजने का आदेश, समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने जारी किए इस संबंध में आदेश।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 10:37 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 10:37 AM (IST)
आश्रय गृहों में अब पुलिस-प्रशासन की जबरदस्ती नहीं चलेगी, पीडि़तों को नहीं रख पाएगा जबरन
आश्रय गृहों में अब पुलिस-प्रशासन की जबरदस्ती नहीं चलेगी, पीडि़तों को नहीं रख पाएगा जबरन

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। आश्रय गृहों में अब पुलिस-प्रशासन की जबरदस्ती नहीं चलेगी। श्रेणी का उल्लंघन कर वे पीडि़त को जबरन नहीं रख पाएगा। समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। कहा गया है कि विभिन्न प्रकार के लाभुकों को आवासित करने के लिए विभिन्न श्रेणी के गृह संचालित हो रहे हैं। पुलिस-प्रशासन की अनुशंसा पर इनमें अक्सर किसी भी आयु वर्ग के अनुपयुक्त लाभुकों को आवासित करना पड़ता है। इससे संचालकों को परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि यदि जिले में गृह संचालित नहीं हैं तो निकटतम जिलों में उसे आवासित करें।

loksabha election banner

बालिका गृह, अल्पावास व स्वाधार बंद होने से परेशानी

बालिका गृह का मामला सामने आने के बाद जिले में संचालित विभिन्न श्रेणी के आश्रय गृह बंद हो गए हैं। इससे इस श्रेणी के पीडि़तों को रखने में परेशानी हो रही है। पुलिस-प्रशासन के दबाव पर नियमों का उल्लंघन हो रहा है। श्रेणी को नजरअंदाज कर अनुपयुक्तों को रखा जा रहा है। इससे संचालकों को परेशानी हो रही है। जिले में बालिका गृह, अल्पावास गृह, स्वाधार केंद्र, खुला आश्रय, वृद्धा आश्रम, पुरुष भिक्षुक गृह आदि बंद हो चुके हैं।

   महिला भिक्षुकों के लिए जिले में शांति कुटीर महिला भिक्षुक पुनर्वास केंद्र संचालित हो रहा है। अब तक इस संस्था की छवि बेदाग बताई जा रही है। महिला आश्रय गृह नहीं होने से अधिकारियों द्वारा नियमों को नजरअंदाज कर यहीं युवती-महिलाओं को रखने का आदेश दिया जा रहा है। इससे परेशानी हो रही है। इस आदेश से राहत मिलेगी।

राज्य में कहां- कहां चल रहे आश्रय गृह

चिल्ड्रेन होम (बालक) छह से 18 वर्ष

पटना, बेगूसराय, बेतिया, मुजफ्फरपुर, बक्सर, दरभंगा, रोहतास, गया, सहरसा, भागलपुर, सारण, मुंगेर, पूर्णिया, पटना, सीतामढ़ी, नालंदा, किशनगंज, कटिहार, समस्तीपुर, जमुई, मधुबनी। 

चिल्ड्रेन होम (बालिका) छह से 18 वर्ष

सारण, बेगूसराय, पूर्णिया, किशनगंज, मधुबनी, गया, पूर्वी चंपारण, पटना, भागलपुर।

विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान

पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, बेगूसराय, मधुबनी, मधेपुरा, अररिया, कटिहार, सिवान, कैमूर, नवादा, वैशाली, गोपालगंज, समस्तीपुर, पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सारण, गया, सहरसा, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, मूंगेर, बांका, सुपौल, भोजपुर।

खुला आश्रय बच्चों के लिए

पटना, गया, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर, रक्सौल।

अल्पावास गृह

पूर्णिया, औरंगाबाद, जहानाबाद, गया, खगडिय़ा, सिवान, बेगूसराय, अरवल, शिवहर, भोजपुर, जमुई, सुपौल, पश्चिम चंपारण।

रक्षा गृह-पटना।

वृद्धा आश्रम

पूर्णिया, पटना, गया, भागलपुर, रोहतास, पश्चिम चंपारण, बेगूसराय।

महिला भिक्षुक गृह

मुजफ्फरपुर, नालंदा, पूर्णिया, पटना। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.