सामूहिक दुष्कर्म कांड : कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पीडि़ता का बयान दर्ज, जांच करने पहुंचे CID के डीआइजी West champaran News
कोर्ट ने किया बयान सीलबंद परिजनों के साथ घर लौटी पीडि़ता। घटना को लेकर बंद कमरे में दो घंटे तक चली पुलिस अधिकारियों की बैठक। विस्तृत रिपोर्ट लेकर पटना लौटे सीआइडी के डीआइजी।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता और बालिक गृह की पूर्व संवासिन का गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम सह पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश दिग्विजय कुमार के कोर्ट में बयान दर्ज हुआ। कोर्ट ने बयान को सील बंद कर दिया। इसके बाद पीडि़ता परिजनों के साथ घर चली गई। बताया गया कि मेडिकल टीम ने पीडि़ता की उम्र का सत्यापन किया है। इसमें उसकी अवस्था 15 से 17 वर्ष के बीच बताई गई। इस वजह से बयान पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत में कराया गया। पुलिस ने भी प्राथमिकी में पॉक्सो एक्ट की धारा लगा दी है। एसपी जयंतकांत ने बताया कि कोर्ट में बयान दर्ज कराने के बाद पीडि़ता परिजनों के साथ घर चली गई। मामले के एक अन्य फरार आरोपित की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
सीसीटीवी फुटेज की हुई जांच
कांड की जांचकर्ता पूनम कुमारी के नेतृत्व में पुलिस गुरुवार को घटनास्थल पर पहुंची और वहां लगे सीसीटीवी के फुटेज की जांच की। बताया गया कि सीसीटीवी फुटेज को इस कांड के साक्ष्य के रूप में न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
सीआइडी के डीआइजी ने ली जानकारी
सर्किट हाउस में गुरुवार को सीआइडी के डीआइजी प्रेमनाथ मिश्र के साथ कांड से जुड़े पुलिस अधिकारियों के साथ करीब दो घंटे तक बैठक हुई। उन्होंने अब तक की जांच की जानकारी ली। इसके अलावा कांड की जांचकर्ता महिला थानाध्यक्ष पूनम कुमारी से भी तथ्यों की जानकारी ली। इसके बाद वे पटना लौट गए। बैठक में चंपारण प्रक्षेत्र के डीआइजी ललन मोहन प्रसाद, बेतिया एसपी जयंतकांत, एसडीपीओ पंकज कुमार रावत आदि थे।
छह दिनों तक आइसीयू में रही पीडि़ता
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की आइसीयू में बीते 14 सितंबर से भर्ती पीडि़ता को गुरुवार दोपहर में डिस्चार्ज कर दिया गया। महिला थानाध्यक्ष पूनम कुमारी ने कड़ी सुरक्षा में पीडि़ता को अस्पताल से डिस्चार्ज कराया। अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि पीडि़ता पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी है। इस आशय का प्रतिवेदन दिया गया था।
यह है मामला
बालिका गृह की पूर्व संवासिन से गत 13 सितंबर की रात चार युवकों ने अगवा कर चलती स्कॉर्पियो में सामूहिक दुष्कर्म किया। गत 14 सितंबर की दोपहर बाद पीडि़ता महिला थाने पहुंची थी। उसने चार युवकों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया। पुलिस ने तीन नामजद और दो अज्ञात आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एक आरोपित फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। हालांकि, पुलिसिया जांच में यह साबित हुई कि पीडि़ता से आरोपितों की पिछले छह माह से जान पहचान थी। साथ ही मोबाइल पर घंटों बातचीत भी होती थी। पीडि़ता के मोबाइल के सीडीआर से भी इसके प्रमाण मिले हैं।
मामले की जांच के लिए 18 सितंबर को राज्य महिला आयोग की टीम आई थी। आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने कहा था कि प्रारंभिक मेडिकल जांच में सामूहिक दुष्कर्म के साक्ष्य नहीं मिले हैं। जबकि, एसपी जयंतकांत ने दुष्कर्म की बात कही थी। लेकिन, शरीर पर कोई स्ट्रगल इंज्यूरी नहीं है। घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच में स्कॉर्पियो पर पीडि़ता अकेली बैठी मिली थी।