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ब‍िहार के पश्चिम चंपारण के धीरज कुमार को मिला प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार

West Champaran News प्रधानमंत्री ने पश्चिम चंपारण के बालवीर के हौसले को सराहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटली ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से धीरज को किए पुरस्कृत एक लाख रुपये डिजिटली धीरज के एकाउंट में भेजी गई।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 04:57 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 04:57 PM (IST)
ब‍िहार के पश्चिम चंपारण के धीरज कुमार को मिला प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
पश्‍च‍िम चंपारण के धीरज कुमार को म‍िला पुरस्‍कार। फोटो -जागरण

बेतिया (पचं), जासं। योगापट्टी प्रखंड के चौमुखा वार्ड संख्या छह निवासी राजबली यादव के पुत्र धीरज कुमार(14) को सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के तहत बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री डिजिटली ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से पश्चिम चम्पारण जिले के धीरज कुमार समेत देश के 21 राज्यों के 29 बच्चों से जुड़े। बालवीरों के हौसले की सराहना की।

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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार नवाचार, वीरता, शैक्षणिक उपलब्धि, समाज सेवा, कला और संस्कृति तथा खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 05-18 आयुवर्ग के बच्चों को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार में पदक, प्रशस्ति पत्र के साथ एक लाख रुपये की राशि दी जाती है। डिजिटली ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से पुरस्कार प्रदान करने के लिए स्थानीय स्तर पर एनआइसी के सभागार में व्यवस्था की गई थी जहां धीरज कुमार के साथ उनके माता-पिता, भाई-बहन सहित जिलाधिकारी कुंदन कुमार, अपर समाहर्ता नंदकिशोर साह उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने धीरज कुमार से संवाद भी किया गया। धीरज के साथ हुई घटना के बारे में जाना। उन्होंने धीरज से पूछा कि घटना के वक्त आपको डर नहीं लगा। धीरज ने कहा कि उस वक्त मेरे दिमाग में सिर्फ मेरा भाई ही दिखाई दे रहा था, उसकी जान किसी भी कीमत पर बचानी थी। प्रधानमंत्री ने पूछा कि आप बड़ा होकर क्या बनना चाहते हैं। धीरज ने कहा कि मैं फौजी बनकर देश की सेवा करना चाहता हूं। बता दें कि धीरज कुमार उत्क्रमित मध्य विद्यालय, चौमुखा में कक्षा 08 का छात्र है।

बीते 01 अक्टूबर .2020 को दोपहर लगभग 02 बजे धीरज अपने छोटे भाई नीरज के साथ भैंसो को नहलाने गंडक नदी गया था। भैंसों को नहलाने के क्रम में नीरज पर एक मगरमच्छ ने हमला बोल दिया। धीरज ने बहादुरी का परिचय देते हुए छोटे भाई को मगरमच्छ से लड़कर छुड़ाया। इस दौरान वह बुरी तरह से घायल हो गया था। करीब एक महीने के उपचार के बाद धीरज स्वस्थ हुआ था। धीरज की इस बहादूरी को लेकर जिला बाल संरक्षण इकाई, की ओर से राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित करने की अनुशंसा की गई थी।


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