पंचायती राज व्यवस्था के बावजूद यहां विकास की गति धीमी
मुजफ्फरपुर। दरभंगा, त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था के बाद भी विकास की रफ्तार धीमी है। आज भी गांवों म
मुजफ्फरपुर। दरभंगा, त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था के बाद भी विकास की रफ्तार धीमी है। आज भी गांवों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। शिक्षित बेरोजगार युवक नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं। जॉब कार्डघारी मजदूरों को बकाया राशि नहीं मिलने के कारण पलायन को मजबूर हैं। शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं मात्र छलावा ही सिद्ध हुई हैं। ¨सचाई के लिए आज तक राजकीय नलकूप यहां गाड़ा नहीं गया । किसान निजी बो¨रग के भरोसे हैं । उच्च विद्यालय नहीं रहने से गांव के बच्चे परेशान हैं। स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था नहीं रहने से लोग स्वास्थ्य सेवा से वंचित हैं। खाद्य सुरक्षा नियम प्रावधान के तहत दर्जनों परिवार राशन कार्ड से वंचित हैं। वहीं दर्जनों लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया है। पशु चिकित्सा केंद्र , बैंक व डाकघर का भी अभाव है। विद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की घोर कमी है। जलनिकासी के लिए नाला का भी अभाव है। गांव के लोगों को चौबीस घंटे में मुश्किल से तेरह से चौदह घंटे तक बिजली मिल तो पाती है। लेकिन शाम ढलते ही लो वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हो जाती है। समस्याओं से परेशान ग्रामीण
बग्घा गांव का हाल जानने के लिए शुक्रवार को दैनिक जागरण की टीम ने गांव की पाती के तहत बग्घा गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक की। बैठक में ग्रामीणों ने कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार , बिजली , सड़क तथा नाला आदि की चर्चा की । बैठक में एक स्वर से लोगों ने अब तक हुए विकास कार्यों और वर्षों से व्याप्त समस्याओं के बारे में बताते हुए अपनी बातें रखीं।इस बैठक में सबसे बड़ी समस्याए नाला, ¨सचाई , शिक्षा व स्वास्थ्य से संबंधित थे।
जलनिकासी के लिए नाला तथा ¨सचाई के लिए राजकीय नलकूप ,स्वास्थ्य सेवा हेतु स्वास्थ्य केंद्र, उच्च शिक्षा हेतु उच्च विद्यालय नहीं है। किसानों को उम्मीद है कि इन समस्या का समाधान सरकार करेगी ।वहीं विकास को लेकर चल रही योजनाओं को शत प्रतिशत घरातल पर लाने की आवश्यकता है। मौके पर पूर्व पंचायत समिति सदस्य कृष्ण कुमार यादव उर्फ गोनू यादव, वार्ड सदस्य गोपी पासवान, सीताराम यादव, शिवजी यादव, प्रेमचंद्र यादव, रामखेलावन यादव, भोला यादव, इन्दो देवी समेत कई मौजूद थे ।
लोग कहते है
शिवजी यादव कहते है कि
विकास के लिए सरकार गांव का बजट बनाए । गांव की उन्नति में बाघक समस्याओं का सर्वे कराकर बजट का प्रावधान करे । इसके बाद ही लोगों को विकास का रास्ता मिल सकेगा ।
शिवजी यादव
सीताराम यादव ने कहा कि
गांव में स्वास्थ्य केंद्र नहीं रहने के कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। इलाज के लिए लोगों को करीब नौ किमी की दूरी तय कर या तो सामुदायिक चिकित्सा केंद्र रनवे - केवटी या नहीं तो करीब बारह - तेरह किमी की दूरी तय कर डीएमसीएच जाना पड़ता है। इससे शारीरिक, मानसिक व आर्थिक तीनों परेशानी झेलनी पड़ती है। अगर गांव में एक स्वास्थ्य उपकेंद्र खोल दिया जाए तो लोगों को काफी राहत मिलेगी ।
प्रेमचंद्र यादव ने बताया कि
गांव की कच्ची सड़क का पक्कीकरण व जलनिकासी के लिए नाले का निर्माण नहीं होने से लोगों को वर्षा के समय काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। जनहित में सड़क का पक्कीकरण व नाला निर्माण की आवश्यकता है।
वार्ड सदस्य, गोपी पासवान ने कहा कि विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव है। शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की पहल करें ।
गोपी पासवान, वार्ड सदस्य
रामखेलावन यादव ने कहा कि
गांव में राजकीय नलकूप नहीं रहने से किसान निजी राजकीय नलकूप के भरोसे हैं। सरकार किसान के लिए ढेर सारी घोषणाएं तो जरूर करती है। लेकिन ये घोषणाएं घरातल पर कम कागज पर अघिक दिखाई देती हैं। समय पर खाद - बीज नहीं मिल पाता है। फसल क्षति मुआवजा से भी कई किसान वंचित रह गए। कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि
जनहित व किसानों के हित में गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय को माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिए जाने व स्वास्थ्य सुविधा हेतु स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना तथा स्टेट बो¨रग सुविधा की आवश्यक है। मुखिया परवीन खातून ने बताया कि
Þ पंचायत विकास की ओर अग्रसर है। जलनिकासी के लिए नाले का निर्माण के साथ - साथ स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना, ¨सचाई के लिए राजकीय नलकूप की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास जारी रहेगा । कोठिया पंचायत के चहुंमुखी विकास के लिए वे कृतसंकल्पित हैं।Þ
गांव एक नजर में :-
1. आबादी : - करीब 5000
2 मतदाता :- : करीब 3000
3 वार्ड : 6
4 उमवि :- 1
5 प्रावि :- 1 ( भवन विहीन )
6 आंगनबाड़ी केंद्र :- 3
7 मदरसा :- 1
8 मस्जिद : - 1
9 मंदिर :- 2
10 ब्रह्मस्थान :-1