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Muzaffarpur Flood : बूढ़ी गंडक के जलस्तर में कमी के बावजूद सैलाब का सितम जारी

Muzaffarpur Flood शहर के निचले इलाकों में अब भी बाढ़ का पानी बरकरार।सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर मुजफ्फरपुर दरभंगा हाइवे बांध और रेलवे स्टेशनों पर वक्त गुजार रहे बाढ़ पीडि़त।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 10:24 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 10:24 PM (IST)
Muzaffarpur Flood : बूढ़ी गंडक के जलस्तर में कमी के बावजूद सैलाब का सितम जारी
Muzaffarpur Flood : बूढ़ी गंडक के जलस्तर में कमी के बावजूद सैलाब का सितम जारी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Muzaffarpur Flood : बागमती, गंडक और बूढ़ी गंडक की जलस्तर में कमी आने के बावजूद जिले में सैलाब का सितम जारी है। मुरौल, सरैया, मुशहरी, कांटी व मीनापुर के इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। मोहम्मदपुर कोठी में तटबंध टूटने के कारण बाढ़ का पानी लगातार नए इलाकों में तेजी से फैल रहा है। बूढ़ी गंडक के उत्तरी तटबंध अंतर्गत मीनापुर, अहियापुर, बोचहां व बंदरा तथा दक्षिणी तटबंध अंतर्गत मोतीपुर, कांटी, मुशहरी, मुरौल व मुजफ्फरपुर शहर तक दर्जन भर स्थानों पर तटबंध पर दबाव बना हुआ है। बाढ़ का पानी शहर के नए इलाकों में फैल रहा है। प्रशासनिक स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी है। अभियंताओं, प्रशासनिक टीम और एनडीआरएफ की टीम लगातार काम कर रही हैं। डीपीआरओ कमल ङ्क्षसह ने बताया कि डीएम डॉ. चंद्रशेखर ङ्क्षसह के निर्देश के आलोक में प्रशासनिक तंत्र स्थिति पर नजर रख रही है। लोगों को ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं है। प्रशासनिक टीम पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही है।

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नए इलाकों में फैला बूढ़ी गंडक का पानी

बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में कमी के बावजूद शहरी क्षेत्र में बाढ़ का संकट बरकरार है। बाढ़ का पानी शहर के मेडिकल, अहियापुर, अखाड़ा घाट, आश्रम घाट, कोल्हूआ, पैगंबरपुर, विजय छपरा, कोल्हुआ, पैंगंबरपुर, विजय छपरा, विजय छपरा, पुरानी जीरोमाईल, मिठनसराय, हनुमंत नगर, गांधीनगर, बालूघाट, लकड़ीढाई, झीलनगर, शेरपुर ढ़ाव, सत्संगनगर, राहुलनगर और मुशहरी तथा कांटी के इलाकों में तेजी से पसर पसर रहा है। हजारों की आबादी बाढ़ के पानी से घिरी है। बड़ी संख्या में बाढ़ पीडि़त हाईवे, रेलवे स्टेशन और तटबंधों पर जिंदगी काट रही है।  

गंडक और बागमती नदी खतरे के निशान के पार

बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। बावजूद इसके यह खतरे के निशान से उपर बह रही है। बागमती और गंडक का जलस्तर भी मंगलवार को खतरे के निशान से पार रहा। पिछले 12 घंटे में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में 0.21 सेमी की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि जलस्तर अब भी खतरे के निशान के उपर है। मंगलवार की शाम सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान 52.53 मीटर से 0.99 सेमी उपर 53.52 मीटर दर्ज किया गया। कटौझा में बागमती नदी खतरे के निशान से 1.52 मीटर उपर बह रही है। यहां जलस्तर में 0.4्0 सेमी की गिरावट हुई है। यहां का जलस्तर 55.25 मीटर दर्ज किया गया। बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान 0.91 सेमी उपर 49.63 मीटर दर्ज किया गया है। रेवाघाट में गंडक नदी खतरें के निशान से 28 सेमी नीचे बह रही है। यहां का जलस्तर 54.13 मीटर दर्ज किया गया। 


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