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मुजफ्फरपुर में औद्योगिक इलाके में वर्षा जल संचय की उठने लगी मांग, फैक्ट्रियों को मिलता रहे पानी

बेला औद्योगिक क्षेत्र में दर्जनों फैक्ट्रियां हैं जिन्हें सालोंभर बड़ी मात्रा में पानी चाहिए। अपनी जरूरत का पानी जमीन का दोहन कर निकाला जाता है। ऐसे में इलाके में संचित भू-जल भंडार खत्म होता जा रहा है। लोगों को परेशानी हो रही।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 07:50 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 07:50 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में औद्योगिक इलाके में वर्षा जल संचय की उठने लगी मांग, फैक्ट्रियों को मिलता रहे पानी
फैक्ट्री वालों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना किया जाए अनिवार्य।

मुजफ्फरपुर, जासं। शहर के बेला औद्योगिक क्षेत्र में दर्जनों फैक्ट्रियां हैं, जिन्हें सालोंभर बड़ी मात्रा में पानी चाहिए। अपनी जरूरत का पानी जमीन का दोहन कर निकाला जाता है। ऐसे में इलाके में संचित भू-जल भंडार खत्म होता जा रहा है। अब तो कई फैक्ट्रियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र में वर्षा जल का संचय किया जाना सबसे जरूरी है। इसके लिए औद्योगिक इलाके में एक जलाशय का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि सालोंभर उसमें पानी रहे और जमीन का संचित जल भंडार रीचार्ज होता रहे। साथ ही सभी फैक्ट्रियों के लिए रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया जाना चाहिए। फैक्ट्रियों से उपयोग के बाद निकलने वाले पानी का उपचार कर फिर से उसे प्रयोग में लिया जाना चाहिए। मंगलवार को दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान के तहत प्रबुद्ध लोगों से बातचीत में ये बातें सामने आईं।

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बेला निवासी प्रवीर तिवारी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र हर साल बारिश के पानी में डूब जाता है। यदि यहां जमा होने वाले पानी को जलाशय बनाकर संचित किया जाए तो पानी की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। इसलिए सरकार को चाहिए कि यहां जल प्रबंधन पर ध्यान दे। संजय कुमार चौधरी ने कहा कि बेला की छोटी-बड़ी सभी फैक्ट्रियों के लिए रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम अनिवार्य किया जाना चाहिए। ऐसा नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। संजय कुमार ङ्क्षसह कहते हंै कि औद्योगिक क्षेत्र स्थित फैक्ट्रियों द्वारा बड़ी मात्रा में उपयोग किया गया पानी खुले में बहा दिया जाता है। यदि इसे ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर साफ किया जाए और फिर उसे उपयोग में लिया जाए तो जमीन से पानी का दोहन कम होगा। सभी फैक्ट्रियों को मिलकर एक ट्रीटमेंट प्लांट लगाना चाहिए। साथ ही बेकार जमीन में तालाब का निर्माण किया जाना चाहिए। अजय कपूर ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में आधारभूत संरचना के विकास के नाम पर सड़क व नाला बनाने की बात करती है, लेकिन जलसंकट पर ध्यान नहीं देती। जल संरक्षण के लिए इसपर ध्यान देना जरूरी है। 


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