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Samastipur: एप के माध्यम से मिलेगी प्रसव संबंधित जानकारी, सुरक्षित प्रसव कराने में प्रभावी है Safe Delivery App

Samastipur News ग्रामीण अस्पताल व उपस्वास्थ्य केंद्र पर सुरक्षित प्रसव कराने में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) का सेफ डिलीवरी एप अहम भूमिका निभा रहा है। इससे जिले के मातृ एवं शिशु मृत्युदर आंकड़ों में भी कमी आने की उम्मीद है।

By Murari KumarEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 04:02 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 04:02 PM (IST)
Samastipur: एप के माध्यम से मिलेगी प्रसव संबंधित जानकारी, सुरक्षित प्रसव कराने में प्रभावी है Safe Delivery App
एप के माध्यम से मिलेगी प्रसव संबंधित जानकारी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। ग्रामीण अस्पताल व उपस्वास्थ्य केंद्र पर सुरक्षित प्रसव कराने में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) का सेफ डिलीवरी एप अहम भूमिका निभा रहा है। इन केंद्रों पर प्रसव में कोई भी परेशानी होने पर स्टाफ नर्स व एएनएम को एप पर संबंधित परेशानी से जुड़ा वीडियो व जानकारियां मिल जाती है। ऐसे में त्वरित उपचार मिलने से जच्चा-बच्चा की जान भी बच जाती है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो इस एप की मदद से जटिल गर्भावस्था की सामान्य डिलीवरी कराई जाती है। इससे जिले के मातृ एवं शिशु मृत्युदर आंकड़ों में भी कमी आने की उम्मीद है।

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जिले के सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा सेफ डिलीवरी एप का निर्माण किया गया है। इसके सफल क्रियान्वयन को लेकर चिकित्सा कर्मियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। जूम एप के माध्यम से आठ फरवरी को प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. सरिता ने सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आवश्यक निर्देश दिया है। जारी पत्र में बताया गया है कि एनएचएम बिहार व मैटरनिटी फाउंडेशन के द्वारा सेफ डिलीवरी एप की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। इस ट्रेनिंग में उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रबंधक, सभी स्टाफ नर्स, एएनएम और पीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कर्मियों को ट्रेनिंग दी जाएगी।

एप के माध्यम से मिलेगी प्रसव संबंधित जानकारी

प्रसव में कोई भी परेशानी होने पर स्टाफ नर्स व एएनएम को एप संबंधित परेशानी से जुड़ा वीडियो व जानकारियां मिल जाती है। ऐसे में त्वरित उपचार मिलने से जच्चा-बच्चा की जान भी बच जाती है। इससे जिले के मातृ एवं शिशु मृत्यु दर आंकड़ों में भी कमी आने की उम्मीद है।

सुरक्षित प्रसव को मिलेगा बढ़ावा

एप के आने से स्वास्थ्य कर्मियों को प्रसव से जुड़ी नई-नई जानकारियां आसानी से मिल जाती है। प्रसव कक्ष में समय पर इलाज होने से जच्चा-बच्चा की जान बचती है। सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिल रहा है। स्वास्थ्य प्रशासन को मुख्य उद्देश्य मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है। साथ ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना एवं प्रसव के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटना एवं प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की सही देखभाल भी इसका मुख्य उद्देश्य है। इस प्रशिक्षण से प्रसव के दौरान आने वाली समस्याओं की जानकारी मिलेगी, साथ ही साथ उससे कैसा निपटा जाए यह भी बताया जाएगा।

2017 में सेफ डिलीवरी एप का हुआ लांच

ग्रामीण क्षेत्र में प्रसव कराने वाली एएनएम व स्टाफ नर्स के लिए 2017 में सेफ डिलीवरी एप लांच हुआ। प्ले स्टोर पर मुफ्त उपलब्ध इस एप में प्रसव के समय होने वाली परेशानियों की सूची, इसके कारण, समस्या व निदान की जानकारी व वीडियो उपलब्ध है, जिससे स्वास्थ्य कर्मी वीडियो देखकर प्रसव के समय ही उसका निदान कर सकें। मोबाइल में एप लोड करने के बाद पहली बार पंजीकरण करना पड़ता है। इसके बाद कर्मचारी बिना इंटरनेट सुविधा के भी जानकारियां देख सकते हैं।


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