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Delhi Violence से प्रभावित हुआ बिहार: घर लौटने को मजबूर हुए लोग, ठप हुआ रोजी-रोजगार

दिल्ली में जारी हिंसा और उपद्रव का असर वहां रह रहे बिहार के लोगों पर भी पड़ा है। वहां रह रहे बिहारी अपना कामकाज छोड़कर वापस घर लौटने को मजबूर हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 09:17 AM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 11:54 AM (IST)
Delhi Violence से प्रभावित हुआ बिहार: घर लौटने को मजबूर हुए लोग, ठप हुआ रोजी-रोजगार
Delhi Violence से प्रभावित हुआ बिहार: घर लौटने को मजबूर हुए लोग, ठप हुआ रोजी-रोजगार

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। 'क्या बताएं, जिस तरह दिल्ली में बवाल हो रहा है। इसमें वहां रहना मुश्किल है। लोग सुरक्षित नहीं हैं। जिस समय हिंसा भड़की गोलियां चलने लगीं। लोग सहम गए और घर से निकलना बंद कर दिया। देखते-देखते माहौल खराब हो गया। खाने-पीने तक की दिक्कत होने लगी। इससे काम छोड़कर अपने घर लौट आए।' मुजफ्फरपुर  जंक्शन पर गुरुवार को वैशाली एक्सप्रेस और बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस की स्लीपर व अनारक्षित बोगी से दिल्ली से आनेवाले लोगों ने कुछ इस तरह से आपबीती सुनाई।

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दिल्ली में हो रही हिंसा की वारदातों ने वहां रह रहे बिहार के लोगों के बीच खौफ पैदा कर दिया है और लोग मजबूरी में कामकाज छोड़ वापस लौट रहे हैं। रुन्नीसैदपुर की रीना देवी व मुकेश कुमार ने कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में किराये के मकान में रहते हैं। दस किमी की दूरी पर फैक्ट्री है। बस से आना-जाना होता है। हिंसा से काम पर जाना बंद हो गया।

उन्होंने बताया कि बच्चों का स्कूल भी जाना बंद हो गया। महीना अंतिम होने से खर्च में भी दिक्कत हो गई। दिल्ली स्टेशन पर मुजफ्फरपुर आने वाली ट्रेनों की जनरल बोगी में इतनी भीड़ है कि चढऩा तक मुश्किल है। मजबूरी में स्लीपर में जुर्माना देकर फर्श पर बैठकर सफर करना पड़ा। 

वहीं, सीतामढ़ी निवासी मनोज कुमार व उषा देवी ने कहा कि उत्तरी पूर्वी दिल्ली में कब क्या हो जाएगा कहना मुश्किल है। लोग काम छोड़कर घरों में दुबके हैं। वे इतने सहमे हैं कि बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। शिवहर निवासी नीरज साह, अशोक कुमार ने कहा कि मौजपुर, सीलमपुर की स्थिति ठीक नहीं है।

उन्होंने बताया कि बवाल ने लोगों का रोजगार बंद कर दिया। ठेला पर सामान बेचते थे। इससे परिवार चलाते थे, लेकिन वह भी बंद हो गया। काम-धंधा बंद हो गया और सुरक्षित भी नहीं हैं। इससे गांव लौट आए। माहौल ठीक होने के बाद दिल्ली जाने का विचार करेंगे।


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