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दिल्ली के किसान ने फिर दिखाई दरियादिली, खेती को फ्लाइट से वापस बुलाए बिहार के मजदूर; जानें

समस्तीपुर के 20 प्रवासी श्रमिकों को बुलाने के लिए हवाई जहाज का टिकट किया बुक। 27 अगस्त को पटना एयरपोर्ट से दिल्ली होंगे रवाना 28 मई को जहाज से भेजे थे घर।

By Murari KumarEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 10:20 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 02:53 PM (IST)
दिल्ली के किसान ने फिर दिखाई दरियादिली, खेती को फ्लाइट से वापस बुलाए बिहार के मजदूर; जानें
दिल्ली के किसान ने फिर दिखाई दरियादिली, खेती को फ्लाइट से वापस बुलाए बिहार के मजदूर; जानें

समस्तीपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से हवाई जहाज से 10 प्रवासी श्रमिक किसानों को उनके घर भेजने वाले दिल्ली के किसान ने एक बार फिर दरियादिली का परिचय दिया है। उन्होंने इन 10 के अलावा 10 और प्रवासी श्रमिक किसानों को दिल्ली काम पर बुलाने के लिए हवाई जहाज का टिकट बुक कराया है। इस पर तकरीबन एक लाख रुपये खर्च हुए हैं। सभी 27 अगस्त को पटना से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली पहुंचेंगे। वे अगस्त से अप्रैल तक चलने वाले मशरूम सीजन में खेती का काम करेंगे।  

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  दिल्ली के बख्तावरपुर इलाके के तिगीपुर के किसान पप्पन सिंह के मशरूम फार्म में कई साल से जिले के खानपुर प्रखंड के श्रीपुरगाहर के बहुत से प्रवासी किसान श्रमिक काम करते हैं। अगस्त से अप्रैल तक के सीजन में काम करने के बाद घर लौट आते हैं। बीते अप्रैल में लॉकडाउन के चलते घर वापस नहीं आ पा रहे थे तो पप्पन सिंह ने 10 श्रमिकों को हवाई जहाज से मई में घर भेजा था। अब वापसी पर भी संकट है। प्रवासी किसान श्रमिक नवीन राम का कहना है कि उन्होंने दिल्ली के लिए रेल टिकट बुक करने की कोशिश की, लेकिन अगले एक महीने तक ट्रेन में जगह उपलब्ध नहीं है। इसकी जानकारी मालिक पप्पन सिंह को दी। इस पर उन्होंने कहा कि वे उन लोगों के लिए हवाई जहाज का टिकट बुक कर रहे हैं। उससे चले आएं। उन्होंने कुल 20 किसान श्रमिकों को के हवाई टिकट बुक कराए हैं। पप्पन ने पटना एयरपोर्ट से लेकर दिल्ली उनके फार्म हाउस तक पहुंचने का पूरा इंतजाम कर दिया है। जाने वालों में एक महिला भी है।  

 पप्पन सिंह का कहना है कि वे तीन एकड़ में मशरूम की खेती करते हैं। लेकिन, कोरोना के चलते इस समय सिर्फ एक एकड़ में कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी मशरूम का पुराना स्टाक पड़ा हुआ है। उनके कर्मचारी घर के सदस्य की तरह हैं। कोई 15 तो कोई 25 साल से उनके लिए काम कर रहा है। उनसे भावनात्मक लगाव है। उन्हें मुश्किल में नहीं छोड़ सकते। ज्ञात हो कि मई में उन्होंने तकरीबन 68 हजार रुपये खर्च कर हवाई जहाज से 10 कर्मचारियों को घर भेजा था।


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