Move to Jagran APP

पूर्वी चम्पारण में कालाजार मरीजों की संख्या में आ रही गिरावट

जिला व प्रखंड स्तर पर उपलब्ध हो रही कालाजार की जांच व इलाज की सुविधा। कालाजार के पॉजिटिव मरीजों का सिंगल डोज दवा से ट्रीटमेंट किया जाता है। इसके लिए पानी में एक बार सिंगल डोज मिलाकर चढ़ा दिया जाता है। इससे मरीज को काफी आराम मिलता है।

By Ajit kumarEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 09:38 AM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 09:38 AM (IST)
पूर्वी चम्पारण में कालाजार मरीजों की संख्या में आ रही गिरावट
कालाजार का इलाज सरकार द्वारा मुफ्त में किया जाता है। फोटो: जागरण

पूर्वी चम्पारण, जासं। जिले में कालाजार के उपचार और रोकथाम के लिए जिला वेक्टर बाेर्न विभाग का प्रयास जारी है। कालाजार की रोकथाम के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है, जिसका नतीजा है कि पहले की अपेक्षा कालाजार के मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। विभागीय अधिकारी डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया जनवरी से नवंबर तक जिले में मात्र 65 केस एक्टिव हैं। जिले के सभी प्रखंडोंं में आरके 16 किट मौजूद हैं।

loksabha election banner

चार प्रखंडों में उपलब्ध है कालाजार का उपचार

डॉ जितेंद्र ने बताया कि कालाजार का इलाज पूर्वी चंपारण के चार केंद्रों पर उपलब्ध है। इनमें सदर अस्पताल, चकिया अनुमंडल अस्पताल, मधुबन एवं कल्याणपुर शामिल हैं। कालाजार के पॉजिटिव मरीजों का सिंगल डोज दवा से ट्रीटमेंट किया जाता है। इसके लिए पानी में एक बार सिंगल डोज मिलाकर चढ़ा दिया जाता है। इससे मरीज को काफी आराम मिलता है। जब दोबारा कालाजार किसी मरीज को होता है उसे पीकेडीएल कहते हैं। इसमें पूर्व का लक्षण दोबारा से मरीज में दिखाई पड़ने लगता है, जैसे चकत्ते का होना चक्कर आना, बुखार आना इत्यादि।

साल में दो बार कराया जाता है सिंथेटिक पायराथाइराइड छिड़काव :

कालाजार के फैलाव को रोकने के लिए वर्ष में दो बार पांच प्रतिशत एसपी घोल का छिड़काव किया जाता है। इससे रोग वाहक बालू मक्खी मर जाते हैं। एक चक्र 60 दिनों का होता है। हाल में ही इसका दूसरा चक्र पूरा हुआ है। बीमारी के उपचार हेतु नई चिकित्सा पद्धति शुरू की गई है, जिसमें सुई के द्वारा इलाज संभव है। कालाजार का इलाज सरकार द्वारा मुफ्त में किया जाता है। इसमें सरकारी स्तर से आर्थिक सहायता भी दी जाती है।

कालाजार से बचने के उपाय :

- मच्छरों के काटने से खुद को बचाएं।

- मच्छरदानी का प्रयोग करें, साफ सफाई में रहे।

- घरों के आसपास कूड़े कचरे का ढेर ना होने दें।

- छिड़काव से पूर्व घर की अंदरूनी दीवार के छेद को बंद रखें ।

- घर के सभी कमरों, रसोईघर, पूजा घर एवं अन्य कमरों की दीवारों पर छह फीट तक फिनाइल डिटॉल आदि कीटनाशक का प्रयोग कर छिड़काव करते रहें। ताकि कालाजार के मच्छर घरों में प्रवेश न कर सके।

- छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री बर्तन कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।

- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई पुताई न करें ताकि कीटनाशक एसपी का असर बना रहे।

- अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की जानकारी आशा से प्राप्त कर सकते हैं या सदर अस्पताल में संपर्क कर सकते हैं।

बचाव के लिए चलाया जाता है जागरूकता अभियान

कालाजार से बचाव के लिए जागरूकता अभियान विभिन्न स्तरों पर चलाया जाता है। जिसमें आईआरएस बैनर, कार्ड पोस्टर इत्यादि के सहयोग से समय-समय पर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में छिड़काव एवं दवा की सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। छिड़काव करने वाली टीम में सुपरवाइजर एवं पांच फील्ड वर्कर भी होते हैं। इनकी देखरेख में दवा का छिड़काव व मरीजों की पहचान की जाती है। बीच-बीच में सरकार द्वारा जिला अस्पताल के सहयोग से कैंप लगाकर ब्लॉक लेवल पर अभियान चलाया जाता हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.