कोरोना के बीच DMCH के ओपीडी में मरीजों की संख्या में गिरावट, देखें एक नजर में...
उत्तर बिहार के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान डीएमसीएच में इन दिनों सामान्य मरीजों की संख्या में काफी गिरावट देखी जा रही है। डीएमसीएच के 1050 बेड पर हरेक दिन औसतन 200 मरीज ही दिखे।
दरभंगा, दिनेश राय। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम को लेकर 24 मार्च से लगातार लॉकडाउन जारी है। उत्तर बिहार के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान डीएमसीएच में इन दिनों सामान्य मरीजों की संख्या में काफी गिरावट देखी जा रही है। डीएमसीएच के 1050 बेड पर हरेक दिन औसतन 200 मरीज ही दिख रहे है। इतना ही नहीं, यही स्थिति डीएमसीएच के ओपीडी की है, जहां सामान्य दिनों में ओपीडी में हरेक दिन औसतन तीन हजार मरीज दिखाने आते थे।
आज यहां मरीजों की संख्या घटकर 150 तक पहुंच गई है। सामान्य दिनों में 1050 बेड पर औसतन 700 से 800 मरीज रहते थे। वर्तमान में सामान्य वार्ड के बेड खाली पड़े हैं। जानकारी के अनुसार, इसमें मात्र गंभीर रुप से बीमार लोग ही इलाज कराने आते थे। ऐसे मरीजों से यहां का सामान्य वार्ड खचाखच भरा रहता था। लेकिन, आज यहां के सामान्य वार्ड में सन्नाटा पसरा है। मानो कोरोना वायरस के डर से अन्य गंभीर रोग भाग खड़े हुए हैं। अधीक्षक डॉ. आरआर प्रसाद ने बताया कि वर्तमान में ओपीडी और अन्य वाडरें में सामान्य भर्ती मरीजों की संख्या घटी है।
ओपीडी में मरीजों की स्थिति एक नजर में
दिनांक भर्ती मरीजों की संख्या ओपीडी की स्थिति
एक अप्रैल 257 253
दो अप्रैल 250 270
तीन अप्रैल 228 219
चार अप्रैल 240 253
पांच अप्रैल 263 293
छह अप्रैल 243 219
सात अप्रैल 250 253
आठ अप्रैल 257 248
नौ अप्रैल 281 271
दस अप्रैल 268 236
कोरोना संदिग्ध मरीजों की भी शुरू होगी जांच
टीबीडीसी स्थित आरएनटीसीपी के अत्याधुनिक लेबोरेटरी में ट्यूबरकुलोसिस मरीजों के नमूने के बाद अब कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की भी जांच शुरू होगी। इसको लेकर बुधवार को पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला टीवीडीसी के सेमिनार हॉल में शुरू हुई। इस ऑनलाइन प्रशिक्षण में सिफिट कंपनी के डॉक्टर सुमन और सीटी दिल्ली के डॉ. अनंत कुमार ने लेबोरेटरी के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया। बताया गया कि कोरोना वायरस के नमूने की जांच के लिए प्रारंभिक स्तर में क्या करना चाहिए।
इसके सैंपल को कहां और कैसे रखें। अपने आप की सुरक्षा कैसे करें और रिपोर्ट की तैयारी तक आप को क्या-क्या निगरानी रखना है। बताया गया कि जो सैंपल लिए जाएंगे, उसका एक क्रॉस चेकिंग बायोसेफ्टी कैबिनेट में किया जाना है। इसके बाद सीबी नेट मशीन में रखेंगे। रिपोर्ट को आईसीएमआर से क्लीन चिट मिलने के बाद ही रिपोर्ट की जानकारी आगे दी जाएगी। इसकी भी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में प्राचार्य की ओर से प्रतिनियोजित आधा दर्जन कर्मियों में से बुधवार को मात्र तीन कर्मी शामिल हो पाए। कार्यशाला में कुल एक दर्जन साइंटिस्ट, चिकित्सक, लैब टेक्नीशियन सहित टीवीडीसी के एडिशनल डायरेक्टर रामचंद्र साफी भी उपस्थित थे।