बेतिया के जीएमसीएच के प्रसव वार्ड में नवजात की मौत, स्वजनों का हंगामा
सुबह सात बजे से धरना पर बैठे परिजनों की सुधि लेने ना तो अस्पताल प्रशासन के लोग पहुंचे ना ही प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी वहां आए। करीब पांच घंटे तक नवजात का पिता शव लेकर धरना पर बैठा रहा।
बेतिया, जासं। जीएमसीएच के प्रसव वार्ड में मंगलवार की सुबह 6 बजे के करीब जन्म लेने के बाद ही नवजात बच्चे की मौत हो गई। जिससे आक्रोशित परिजनों ने बवाल काटा और उसके बाद नवजात के शव को लेकर जीएमसीएच के मुख्य गेट पर धरना पर बैठ गए। धरना पर बैठे परिजनों ने प्रसव वार्ड में तैनात कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाया। साथ ही एक हजार रुपया नजराना नहीं देने पर नवजात के इलाज में लापरवाही बरतने की बात कह रहे थे। आक्रोशित परिजन दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। वहीं नवजात के शव को पोस्टमार्टम करा प्राथमिकी दर्ज करने की बात भी कही।
सुबह सात बजे से धरना पर बैठे परिजनों की सुधि लेने ना तो अस्पताल प्रशासन के लोग पहुंचे ना ही प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी वहां आए। करीब पांच घंटे तक नवजात का पिता शव लेकर धरना पर बैठा रहा। बताया जाता हैं कि सिकटा प्रखंड के मुगलहई गांव निवासी जितेंद्र कुमार पासवान की पत्नी रिंकी देवी को प्रसव पीढ़ा के दौरान परिजनों ने सुबह जीएमसीएच के प्रसव वार्ड में भर्ती कराया। उसके बाद रिंकी देवी ने एक बच्चे को जन्म दी। जन्म के बाद बच्चे की हालत नाजुक थी। इलाज करने के नाम पर प्रसव वार्ड में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों ने एक हजार रुपये की मांग करने लगे। परिजन इलाज करने की बात कह कर बाद में पैसे देने की बात कहीं। इससे नाराज कर्मी इलाज में लापरवाही बरतने लग गए। तभी नवजात की मौत हो गई। जिससे परिजन आक्रोशित हो गए। बताया जाता हैं कि जितेंद्र नावादा में अग्निशमन सेवा में आरक्षी के पद पर तैनात है। वर्तमान में वे बेतिया के आईटीआई मुहल्ला में घर बनाकर रह रहे है।
चार घंटे रही परेशान महिला, निराश होकर लौटी
जासं, मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल मे सोमवार को मुशहरी इलाके की एक महिला कापर-टी निकलवाने को लेकर सुबह 11 से दोपहर तीन बजे तक महिला वार्ड से लेकर उपाधीक्षक कक्ष तक दौड़ती रही। दोपहर तीन बजे सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा के यहां पहुंची। सीएस ने उपाधीक्षक से इसकी जांच रिपोर्ट मांंगी।
महिला ने आरोप लगाया कि एक भी चिकित्सक नहीं मिले। एएनएम से मुलाकात हुई तो मंगलवार को सुबह नौ बजे आने की बात कही। उसके बाद वह निराश होकर लौट गई। सीएस ने कहा कि यह दुखद है कि एक कापर-टी मातृ-शिशु सदन में नहीं निकल पा रही है।