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सीबीआइ ने खंगाली बच्चियों की मौत की फाइल, संवासिन के पोस्टमार्टम नहीं होने की पड़ताल

बाल संरक्षण इकाई पदाधिकारी से कानूनी प्रक्रिया की भी ली जानकारी। इस बात की भी पड़ताल की गई कि मौत के बाद कानूनी प्रक्रिया अपनाई गई थी या नहीं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 12:12 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 12:12 PM (IST)
सीबीआइ ने खंगाली बच्चियों की मौत की फाइल, संवासिन के पोस्टमार्टम नहीं होने की पड़ताल

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बालिका गृह मामले में सीबीआइ के अधिकारियों ने सोमवार को बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में फाइलें खंगालीं। केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी इसकी पड़ताल कर रहे कि बालिका गृह में एक संवासिन की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया। साथ ही यह भी पड़ताल की गई कि मौत के बाद कानूनी प्रक्रिया अपनाई गई थी या नहीं। मालूम हो कि बालिका गृह की जांच के दौरान सीबीआइ ने यह दावा किया है कि यहां 11 मासूमों की हत्या कर दी थी। सीबीआइ ने श्मशान घाट में खोदाई कराई थी। यहां मानव कंकाल भी मिले थे।

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जेजे बोर्ड के नियम के आधार पर पड़ताल

सीबीआइ अधिकारियों ने बाल संरक्षण पदाधिकारी चंद्रदीप कुमार से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी ली। पूछा कि संवासिनों की मौत के बाद क्या कानूनी प्रकिया अपनाई जाती है। इस संबंध में जेजे बोर्ड के नियमों की जानकारी ली एवं उसकी नियमों की प्रति भी ली। टीम इस मामले की पड़ताल कर रही है कि बालिका गृह में रहने वाली किसी बच्ची की मौत हुई है या नहीं? अगर हुई है तो उसके अंतिम संस्कार में कानूनी प्रकिया को पूरा किया गया है कि नहीं।

  सीबीआइ टीम जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में काफी देर तक रुकी। टीम को बताया गया कि मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम अनिवार्य है। इसके साथ ही टीम ने कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी ली। ज्ञात हो कि सीबीआइ की टीम बालिका गृह कांड को लेकर अब तक कई बार जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल गृह, बाल कल्याण समिति कार्यालय पहुंच चुकी है। कांड से जुड़ीं कई फाइलें भी ले चुकी है।

दूसरे दिन मेडिकल पहुंची सीबीआइ की टीम 
बालिका गृह मामले में सीबीआइ की टीम दूसरे दिन मंगलवार को मेडिकल कॉलेज पहुंची। इस दौरान मेडिकल कॉलेज के एफएमटी विभाग में पहुंचकर मामले में छानबीन की। टीम के सदस्य मामले में कई जानकारी हासिल की। 
 

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