Move to Jagran APP

Bihar News: बिहार के दरभंगा से दाऊद इब्राहिम का रहा हैं गहरा कनेक्शन, जानिए कैसे...

दरभंगा से दाऊद का गहरा रिश्ता रहा है। दाऊद के दायां हाथ कहे जाने वाला तिहाड़ जेल में 13 वर्षों से बंद फजलू उर्फ फजलूर रहमान जाले थाना क्षेत्र के देउड़ा-बंधौली निवासी है।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 10:45 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 03:56 PM (IST)
Bihar News: बिहार के दरभंगा से दाऊद इब्राहिम का रहा हैं गहरा कनेक्शन, जानिए कैसे...
Bihar News: बिहार के दरभंगा से दाऊद इब्राहिम का रहा हैं गहरा कनेक्शन, जानिए कैसे...

दरभंगा, जेएनएन। पटना के मीठापुर बस स्टैंड से गिरफ्तार किए गए दाऊद इब्राहिम का करीबी एजाज लकड़ावाला का रिश्ता दरभंगा से भी जुड़े होने की बात कही गई है। पूछताछ में उसने स्काॅर्पियो से दरभंगा भागने की बात कही है। इससे मुंबई क्राइम ब्रांच और पटना एसटीएफ की टीम कभी भी दरभंगा जांच के लिए पहुंच सकती है। फिलहाल, स्थानीय पुलिस को इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है। वह दरभंगा में किसके पास आने वाला था अथवा कहां ठहरता, इसपर पुलिस अधिकरियों की विशेष नजर हैं।

loksabha election banner

13 वर्षों से तिहाड़ जेल में बंद है फजलू

लेकिन, दरभंगा से दाऊद का गहरा रिश्ता रहा है। दाऊद के दायां हाथ कहे जाने वाला तिहाड़ जेल में 13 वर्षों से बंद फजलू उर्फ फजलूर रहमान जाले थाना क्षेत्र के देउड़ा-बंधौली निवासी है। इंटरपोल व सीबीआइ के अलावा कई राज्यों की पुलिस को नौ वर्षों से चकमा देने वाले फजलू उर्फ फजलूर रहमान को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 6 अगस्त 2006 को नेपाल बॉडर के गोरखपुर के पास से एसीपी संजीव यादव की टीम ने गिरफ्तार किया था। उस पर दुबई में सात वर्ष एवं दो साल मलेशिया में रहकर फिरौती में करोड़ों रुपये बटोरने का आरोप लगा था।

तब जारी किया गया था रेड कॉर्नर नोटिस

इसके बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। बताया जाता है कि उसे दाऊद तक पहुंचाने वाले लहेरियासराय थाना क्षेत्र के बेंता नेवासी जम्मो खान था। फजलु से पूर्व वह दाऊद का राइट हैंड कहलाता था। बाद में वह काठमांडू में मारा गया। उसका शव अब तक नहीं मिल सका। वह दरभंगा में नगर सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। दाऊद से जुडऩे से पूर्व फजलू चार साल तक दरभंगा जेल में भी रहा है, जहां उसकी मुलाकात जम्मो खान से हुई थी। इसके बाद उसने कभी पलट कर नहीं देखा।

2018 में आया था 10 दिनों के लिए गांव 

वर्ष 2018 में फजलू दस दिनों के पैरोल पर अपने गांव आया था। अपने भतीजा मुजतुबा आरजू की शादी में भाग लेने के आया था। 20 अप्रैल को कमतौल थाना क्षेत्र के कतरौल गांव में बारात गई थी और 24 अप्रैल को वलीमा का आयोजन था। इस दौरान इंटेलिजेंस विभाग के कई अधिकारियों को दरभंगा में तैनात किया गया था। उनके पिता अब्दुल वासित गांव के मुखिया रह चुके हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.