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दिव्यांगों को उपकरण देकर नई राह दिखा रहा दरभंगा का राज परिवार, लोगों में जीने की नई उम्मीद जगी

महाराज के पौत्र कुमार कपिलेश्वर सिंह आगे आए सो आए। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी कविता सिंह भी आगे आई हैं। इन दोनों ने नायाब पहल की है। पहले दिव्यांगजनों को उपकरण दिया है। अब दूसरे चरण में वैसे लोग जिनका चयन प्राकृतिक अंगों के लिए किया गया है।

By DharmendraEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 11:22 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 11:22 AM (IST)
दिव्यांगों को उपकरण देकर नई राह दिखा रहा दरभंगा का राज परिवार, लोगों में जीने की नई उम्मीद जगी
महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह जयंती पर दिव्यांग को श्रवण यंत्र देते कुमार कपिलेश्वर सिंह, रानी कविता कविता सिंह।

दरभंगा, जेएनएन।  दिव्यांग और गरीब लोगों को दरभंगा राज परिवार नई राह दिखा रहा है। महाराजाधिराज डॉ. कामेश्वर सिंह की 113 वीं जयंती शनिवार को मनाने के साथ इस परिवार ने न सिर्फ लोगों की मदद का शंखनाद किया। बल्कि, लोगों में जीने की उम्मीद भी जगाने की कोशिश की। महाराज के पौत्र कुमार कपिलेश्वर सिंह आगे आए सो आए। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी कविता सिंह भी आगे आई हैं। इन दोनों ने नायाब पहल की है। पहले दिव्यांगजनों को उपकरण दिया है। अब दूसरे चरण में वैसे लोग जिनका चयन प्राकृतिक अंगों के लिए किया गया है, उन्हें इसके उपयोग की जानकारी दिलवा रहे हैं। साथ ही बता रहे हैं कि दिव्यांग होना किस्मत की बात है। लेकिन, इससे उबरना कर्मों की बात है। इससे उबरकर हमें ऐसा कुछ करना है ताकि, आगे विकास की राह मजबूत हो।

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दिव्यांगों को मिलेगा हौसला तो स्थापित होगी स्वस्थ समाज की परंपरा 

अभियान की बाबत कुमार कपिलेश्वर सिंह बताते हैं कि दरभंगा के महाराजाधिराज डॉ. कामेश्वर सिंह के जमाने से दान देने की परंपरा चली आ रही है। मैंने उसे जारी रखने और बढ़ाने का काम किया है। इस अभियान से जहां एक ओर दिव्यांगजनों को उपकरण मुहैया कराया गया है, ताकि वे तत्काल चल फिर सकें। साथ ही उनकी काउंसलिंग की जा रही है, ताकि वो जीवन में आगे बढ़कर कुछ बेहतर कर सकें।

खत्म हुई लाचारी, अब साइकिल सहारा

राज परिवार से जिन दिव्यांगों को उपकरण मिले हैं वो खुश हैं। अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं। कई दिव्यागों ने कहा- अब लाचारी का वक्त जा रहा है। सबल होकर कुछ अच्छा करेंगे। दिव्यांग अर्चना कुमारी कहती हैं- पैर से लाचार थी। राज परिवार के कारण अब दूसरी जिंदगी शुरू होने जा रही है। इसे बेहतर तरीके से चलाना है। पंकज कुमार राम ने बताया कि ट्राई साइकिल के बिना लाचार थे। अब लाचारी खत्म हो गई है। रिजवाना खातून बताती हैं कि महाराज कामेश्वर सिंह की जयंती बेसहारों के लिए सहारा बनकर आई है। व्यवसायी निखिल खेड़िया कहते हैं  इस तरह का आयोजन कर राज परिवार ने मिशाल कायम की है। कुमार कपिलेश्वर बचपन से ही पीड़ित मानवता की सेवा को लेकर सजग रहे हैं। इस अभियान का लाभ लोगों को मिलेगा।


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