दरभंगा जंक्शन पार्सल ब्लास्ट : घरवालों को अंधकार में रख आतंकी संगठनों के लिए काम करता था नासिर
एनआइए की जांच में यह बात सामने आई है कि घर वाले यही जानते थे कि वह हैदराबाद में कपड़े का व्यवसाय करता है लेकिन उसकी व्यस्तता और मोबाइल पर देर रात तक चैटिंग करते देख घरवालों को हमेशा अनहोनी की आशंका लगी रहती थी।
दरभंगा, जासं। दरभंगा जंक्शन पर पार्सल में हुए ब्लास्ट में हैदराबाद के मल्लेपल्ली से भाई के साथ गिरफ्तार शामली के कायस्थवाड़ा निवासी मो. नासिर खान उर्फ नासिर मलिक ने देश को ही धोखा नहीं दिया बल्कि, अपने घर वालों को भी अंधकार में रखा। एनआइए की जांच में यह बात सामने आई है कि घर वाले यही जानते थे कि वह हैदराबाद में कपड़े का व्यवसाय करता है, लेकिन उसकी व्यस्तता और मोबाइल पर देर रात तक चैटिंग करते देख घरवालों को हमेशा अनहोनी की आशंका लगी रहती थी। यही कारण था कि नासिर के पिता हमेशा कपड़े के व्यवसाय के अलावा वह क्या काम करता है, इसकी जानकारी लेते रहते थे। हर बार नासिर यही कहता था कि वह देश के लिए काम करता है। भारतीय जासूस है। इसके नाम पर वह खुद को देशभक्त कहता था। यह सुनकर सेना से सेवानिवृत्त पिता का कलेजा चौड़ा हो जाता था।
पाकिस्तान में रहकर ली थी ट्रेनिंग
नासिर परिवार को अंधेरे में रखकर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता था। इसके लिए वह दो बार पाकिस्तान भी गया। वहां उपलब्ध रसायन से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइइडी) बनाने की ट्रेनिंग लेकर आया था। नासिर आतंकियों के लिए काम करता है, इससे परिवार वाले अनभिज्ञ थे। यही कारण था कि जब ब्लास्ट में नासिर और उसके भाई इमरान मलिक उर्फ इमरान खान की गिरफ्तारी हुई तो वे अचंभित रह गए। पिता को दोनों पुत्रों के आतंकी गतिविधि में शामिल होने का विश्वास नहीं हो रहा था।