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दरभंगा: नीरा उत्पादन को लेकर जीविका ने बनाई कार्य योजना, बोले मुख्य सचिव अब अमल करें

Darbhanga news नीरा उत्पादन को लेकर मुख्य सचिव ने की बैठक कर दिए निर्देश जीविका के मिशन निदेशक बाला मुरूगन डी ने नीरा उत्पादन को बढ़ाने पर दिया जोर नीरा उत्‍पादन बन सकता रोजगार का एक बड़ा माध्‍यम।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 04:12 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 04:12 PM (IST)
दरभंगा: नीरा उत्पादन को लेकर जीविका ने बनाई कार्य योजना, बोले मुख्य सचिव अब अमल करें
ब‍िहार में नीरा उत्‍पादन पर सरकार का व‍िशेष जोर। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

दरभंगा, जासं। मुख्य सचिव, बिहार आमिर सुबाहनी की अध्यक्षता में ताड़ी व्यवसाय से जुड़े परिवारों के लिए नीरा के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर उद्योग विभाग, जीविका, कॉम्फेड, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के पदाधिकारियों के अलावा जिलाधिकारी एवं संबंधित पदाधिकारी की आनलाइन बैठक हुई। इस दौरान जीविका के मिशन निदेशक सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बाला मुरूगन डी ने बताया कि वर्ष 2016 में नए उत्पाद अधिनियम के लागू होने के साथ ही ताड़ी व्यवसाय को अवैध घोषित कर दिया गया। ताड़ी उत्पादन से जुड़े परिवारों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु नीरा का उत्पादन शुरू कराया गया।

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वर्ष 2017 में 11 लाख 62 हजार 253 लीटर नीरा का उत्पादन किया गया था, जो धीरे-धीरे घट गया है। इसे फिर से बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए जीविका द्वारा वर्ष 2022 के लिए कार्य योजना बनाई गई है। जिसके अनुसार 47 लाख लीटर नीरा का उत्पादन, 12 हजार 893 नीरा उत्पादक को चिन्हित करना, 2063 नीरा बिक्री केंद्र तथा कॅम्फेड के प्रसंस्करण हेतु 1.5 लाख लीटर नीरा उपलब्ध करवाना तथा 460 उत्पादक समूहों का गठन करवाना शामिल है। इसके लिए नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति, प्रशिक्षण, पर्यवेक्षक की नियुक्ति, सर्वेक्षण दल का गठन करवाकर 15 फरवरी तक सर्वेक्षण का कार्य करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा नीरा उत्पादकों को अनुज्ञप्ति प्रदान करना, उन्हें प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण दिलाना तथा उत्पादक समूहों का गठन कर उन्हें वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का कार्यक्रम तिथिवार निर्धारित है। उन्होंने बताया कि नीरा का उत्पादन 15 मार्च से जून माह तक होता है।

नीरा की बिक्री के लिए शहरी क्षेत्र में नीरा बिक्री केंद्र की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया। इसपर अपनी सहमति प्रदान करते हुए मुख्य सचिव ने बिक्री केंद्र को और आकर्षक बनाने का निर्देश दिया। बैठक में तार व खजूर वाले ट्रेपरों को पुन: चिन्हित करते हुए उन्हें प्रशिक्षण दिलाने का निर्देश दिया गया। बैठक में उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया, उत्पाद अधीक्षक ओम प्रकाश, जीविका के डीपीएम सुधांशु तिवारी मौजूद थे।

नीरा से बने गुड़ से दरभंगा में भी बनाया जाएगा रसगुल्ला

जिलाधिकारी राजीव रौशन ने बताया कि जिला में 164 ट्रेपर चिन्हित हैं। जल्द ही शेष ट्रेपरर्स को चिन्हित कर उन्हें प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। डीएम ने जीविका के डीपीएम को जिले में उपलब्ध तार व खजूर के पेड़ को अनुज्ञप्ति प्राप्त ट्रेपर्स के साथ टैग करने तथा पेड़ पर अनुज्ञप्ति संख्या अंकित करवाने तथा नीरा के बत्र्तन को पीला रंग से रंगवाने एवं उस पर काला रंग से अनुज्ञप्ति संख्या अंकित करवाने के निर्देश दिया। उन्होंने डीपीएम को सभी नीरा बिक्री केंद्र पर पीएच मीटर रखवाने का निर्देश दिया, ताकि ग्राहकों को शुद्ध नीरा प्राप्त हो सके। डीएम ने कहा कि नीरा से बने हुए गुड़ का बंगाल में बनने वाले रसगुल्ला में प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि फारबिसगंज के रसगुल्ले में भी नीरा का गुड़ मिलाया जाता है, जिससे रसगुल्ला काफी स्वादिष्ट लगता है। उन्होंने डीपीएम को सुझाव दिया कि इसका प्रयोग दरभंगा में भी करवाया जा सकता है।


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