मुजफ्फरपुर के निबंधन कार्यालय में उमड़ रही भीड़, कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं
आमलोगों के अलावा कार्यालय कर्मी भी बिना मास्क के ही आते। अगले माह से सर्किल रेट में वृद्धि की आशंका को देखते हुए पिछले एक-दो दिनों से जमीन रजिस्ट्री की संख्या भी बढ़ी है मगर यहां कोरोना प्रोटोकॉल का कोई पालन नहीं हो रहा।
मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर डीएम प्रणव कुमार ने सार्वजनिक स्थलों पर मास्क के प्रयोग और फिजिकल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया था। उनके आदेश का पालन सरकारी कार्यालयों में ही नहीं हो रहा है। सरकारी कार्यालयों में जिला अवर निबंधक कार्यालय में सबसे अधिक भीड़ हो रही। अगले माह से सर्किल रेट में वृद्धि की आशंका को देखते हुए पिछले एक-दो दिनों से जमीन रजिस्ट्री की संख्या भी बढ़ी है, मगर यहां कोरोना प्रोटोकॉल का कोई पालन नहीं हो रहा।
कार्यालय के मुख्य गेट पर सूचना जरूर छपी है कि बिना मास्क के प्रवेश करना मना है, मगर इसका पालन आमलोग तो क्या यहां के कर्मचारी भी नहीं करते। शुक्रवार को कार्यालय का जायजा लेने में इक्के-दुक्के लोग मास्क में दिखे। फिजिकल डिस्टेंसिंग का तो यहां कोई मायने मतलब ही नहीं नजर आया। एक-दूसरे से सटे लोगों से कोरोना संक्रमण के फैलने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। आरटीपीएस काउंटर से लेकर अंगूठा और तस्वीर वाली जगहों पर यही स्थिति। कोई रोक या टोक नहीं होने से इस स्थिति पर कोरोना का संक्रमण कभी भी फैल सकता है। इस मामले में जिला अवर निबंधक राजेश कुमार ने कहा कि लोग नहीं मान रहे। जबकि कार्यालय की ओर से मास्क पहनकर आने की हिदायत दी गई है।
कालाजार का मरीज मिला तो वहां एक सौ घरों में होगदवा का छिड़काव
मुजफ्फरपुर : कालाजार उन्मूलन को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला वेक्टरजनित रोग पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि नए चिकित्सक, एएनएम, जीएनएम, वेक्टर वर्न डिजीज सपुरवाइजर को प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही जहां ट्टिटमेंट सेंटर है वहां करने वाली एएनएम व जीएनएम को इलाज के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि जहां मरीज मिलेंगा उस घर के आसपास के एक सौ घर में दवा का छिड़काव व मरीजों की खोज की जाएगी। अगर किसी में बीमारी का लक्षण मिलता है तो उसकी जांच होगी। जांच में यह जानकारी ली जाएगी की संदिग्ध व्यक्ति को बीते 10 साल की अवधि में कालाजार तो नहीं हुआ था। इसके साथ ही हर स्तर पर जांच व अभियान चलेगा। प्रशिक्षण में राज्य समन्वयक डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि किसी तरह से दवा की खुराक मरीज को दी जाएगी। कार्यक्रम में फैसला लिया गया कि हर पीएचसी के एक चिकित्सक पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया जाएगा। कहा गया कि कालाजार मरीज की टीबी व एचआइवी की जांच जरूरी है। कार्यक्रम में जोनल कार्डिनेटर डॉ. आरती शर्मा, केयर के जिला समन्वयक सौरभ तिवारी, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी पुरुषोत्तम कुमार आदि शामिल रहे।
यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर भाजपा सांसद का अजीबोगरीब बयान, तीसरा बच्चा पैदा करने से पहले जरूरी हो एनओसी
यह भी पढ़ें: BSEB Intermediat-Matriculation Result 2021: परीक्षा परिणाम में फंसा पेंच, जानिए कितना समय और लगेगा
यह भी पढ़ें: Muzaffarpur crime: छिछोरों की ढिठाई को देखिए, मौज लेने के लिए इंटरमीडिएट छात्रा की अश्लील तस्वीर वायरल कर दी