पश्चिम चंपारण में गश्त के दौरान अचानक सामने आया मगरमच्छ, जानिए फिर क्या हुआ
कनीय अभियंता अमरकांत मंडल ने बताया कि मोबाइल एंबुलेंस को लेकर गश्ती के दौरान 1.7 किमी पिपरासी के पास एक विशाल मगरमच्छ दिखाई दिय । यह देख होश उड़ गए। ट्रैक्टर की लाइट जलाकर मगरमच्छ के जाने का इंतजार किया जाने लगा ।
पश्चिम चंपारण, जासं। पिपरा पिपरासी तटबंध की निगरानी कर रही गश्ती दल का सामना एक विशाल मगरमच्छ से हो गया । मगरमच्छ को देखकर अभियंता एवं मजदूरों के होश उड़ गए ।बाद में मगरमच्छ के नदी में जाने के बाद ही टीम के सदस्यों ने राहत की सांस ली।
कनीय अभियंता अमरकांत मंडल ने बताया कि शुक्रवार की रात मोबाइल एंबुलेंस को लेकर रात गश्ती के दौरान 1.7 किमी पिपरासी के पास एक विशाल मगरमच्छ दिखाई दिया । यह देख होश उड़ गए । ट्रैक्टर की लाइट जलाकर मगरमच्छ के जाने का इंतजार किया जाने लगा । कुछ देर बाद गंडक नदी में प्रवेश किया तो राहत की सांस ली। बता दें कि कुछ दिन पहले मगरमच्छ ने बांध का सुराख का 27 अंडे दिए थे।
इसकी सूचना प्रभारी एसडीओ गौतम कुमार ने वन विभाग को दी थी । वन विभाग के डब्ल्यूटीआई टीम ने अंडे को बरामद कर जंगल में सुरक्षित स्थान पर विशेषज्ञों ने छोड़ दिया था । वन कर्मियों के अनुसार मगरमच्छ अपने अंडे की तलाश के लिए बाहर निकल रहा है ।
नाले में मगरमच्छों का एक बड़ा झुंड
सुराख किए गए के स्थान से करीब 200 सौ मीटर पर एक नाले में मगरमच्छों का बड़ा झुंड है । गत दिनों परसौनी के किसान सत्यनारायण कुशवाहा, विंध्याचल कुशवाहा और इंद्रासन कुशवाहा को हमला बोलकर जख्मी कर चुका है। बगल के परसौनी गांव के दर्जनों लोग भयभीत होकर यहां से आस-पास के गांव में चले गए । बोधी कुर्मी, जयनारायण गुप्ता,डिग्री कुशवाहा समेत आधा दर्जन लोगों के घर में भी मगरमच्छ प्रवेश कर तबाही मचा चुका है । इसके बाद इसकी सूचना प्रखंड प्रमुख यशवंत नारायण यादव के द्वारा वन विभाग को दी गई थी । तत्कालीन रेंजर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम यहां पहुंची । और नाले में महाजाल लगाया और छह मगरमच्छ जाल में फंस गए थे । उसके बाद मगरमच्छ को वन विभाग अपने साथ ले गया । और वहां एक बोर्ड लगाकर पल्लू झाड़ दिया। किसान अपनी खेती बारी करने में भी सहमे रहते हैं।
वन विभाग से मांग की गई कि नाले की चहारदीवारी करा दी जाय । तत्कालीन एसडीएम घनश्याम मीणा ने भी नाली का निरीक्षण कर बाउंड्री कराने की बात उपस्थित जनप्रतिनिधियों से कही थी । लेकिन उसी बीच उनका तबादला हो गया। और यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया । सरपंच दिनेश्वर तिवारी ने बताया कि अगर वन विभाग उस नाले की चहारदीवारी करा देता है तो यह पर्यटक स्थल भी बन जाएगा । सीमावर्ती उत्तर प्रदेश से बहुत से लोग मगरमच्छ देखने के लिए यहां आते हैं।