भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर बोले- देश में हिटलरशाही लाना चाह रही केंद्र सरकार Muzaffarpur News
मधुबनी में माले के जिला सम्मेलन में राष्ट्रीय महासचिव ने कहा मोदी व शाह के एजेंडे को लागू नहीं होने देंगे। नीतीश सरकार पर साधा निशाना कहा- एनआरसी लागू नहीं करने का लीजिए फैसला।
मधुबनी, जेएनएन। संविधान को खत्म कर भारत में हिटलरी शासन थोपना केंद्र सरकार का एजेंडा है। इसके लिए केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लेकर आई है। मगर, सरकार को नागरिकता चुनने का अधिकार हम नहीं देंगे। ये बातें भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहीं। वे माले के छठे जिला सम्मलेन में रैली को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, संविधान को बदलने का अधिकार हम नहीं देंगे। इसके खिलाफ पूरे देश मे छात्र-नौजवानों, महिलाओ और अक्लियतों के संघर्ष की सराहना की। कहा, देश में राष्ट्रीय जागरण का दौर आया है। दिल्ली का शाहीनबाग पूरे देश मे फैल गया है। सरकार दमन के जरिए आपातकालीन कानूनों के प्रावधानों के आधार पर आंदोलन को दबाना चाहती है। कहा कि एनआरसी के खेल को जनता समझ गई है। असम इसका उदाहरण है।
नीतीश पर कसा तंज, कहा- होशियारी छोडि़ए!
दीपांकर ने नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि छल, कपट और होशियारी छोडि़ए। एनआरसी पर बिहार में रोक लगाइए। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में इवेंट मैनेजमेंट की सरकार चल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इवेंट मैनेजर का काम कर रहे।
देश की अर्थव्यवस्था भी आइसीयू में
माले के महासचिव ने कहा मोदी-शाह की सरकार संविधान को तहस-नहस कर रही है। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को आइसीयू में पहुंचा दिया है। इतनी मंहगाई और बेरोजगारी देश ने कभी नहीं देखी। बिना मजदूरी दिए रसोइयों, आशाओं से काम लिया जा रहा है। ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकना होगा।
संविधान की रक्षा के लिए लगाएंगे ताकत
पार्टी पोलित ब्यूरो के सदस्य सह मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा ने कहा कि मानव शृंखला ढकोसला है। यह गरीबों को उजाडऩे वाला है। लाखों रसोइयों, आशाओं, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं समेत मजदूरों की मजदूरी छीनने वाली है। यह सरकार मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी से वंचित करने वाली है। इसलिए मानव शृंखला का बहिष्कार करें। वहीं माले के 25 जनवरी की मानव शृंखला को सफल बनाएं।
मुख्य अतिथि भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि बिहार की सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि एनपीआर पर तत्काल रोक लगे। अगर सरकार इस दिशा में कदम नही उठाती है तो गद्दी छोड़ो आंदोलन पूरे बिहार में तेज किया जाएगा। विधानसभा में प्रश्नों का जवाब मुख्यमंत्री को देना पड़ा और घोषणा करनी पड़ी कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के किसी को नही उजाड़ा जाएगा। हमने कहा कि केवल घोषणा से बात नही बनेगी। नोटिस सरकार वापस ले और वास आवास कानून सरकार बनाए।
सभा की अध्यक्षता करते हुए जिला सचिव ध्रुवनारायण कर्ण ने कहा कि मधुबनी में वामपंथ मजबूत हो रहा है। भूमि आवास आंदोलन सब जगह तेज हो रहा है। आंदोलन ने दलित-गरीबो और मजबूर-किसानों में नया विश्वास पैदा किया है। बिहार में गरीब बसाओ आंदोलन तेज किया जाएगा।