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भाकपा माले की चेतावनी, किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो बिहार में और तेज होगा आंदोलन

माले के जिला सचिव ने कहा-लव को जेहाद कहना गुनाह। किसानेां के आंदोलन को दबाने की कोशिश संविधान के खिलाफ है। भाकपा माले इस सवाल पर अगले चार दिनों तक जनजागरण अभियान चलाएगी। पार्टी की ओर से छह से 10 दिसंबर तक संविधान बचाओं देश बचाओ मार्च निकलेगा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 07:54 AM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 07:54 AM (IST)
बिहार में भी किसान आंदोलन पर उतरे यह कदम उठाया जा रहा है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। लव को जेहाद कहना कानून रूप से गुनाह है। यह गुनाह लगातार भाजपा के नेता व उनकी सरकार कर रही है। किसानेां के आंदोलन को दबाने की कोशिश संविधान के खिलाफ है। भाकपा माले इस सवाल पर अगले चार दिनों तक जनजागरण अभियान चलाएगी। भाकपा माले के जिला सचिव कृष्ण मोहन ने कहा कि किसानों के लिए हर स्तर पर आंदोलन तेज किया जाएगा। 

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पार्टी सड़क पर उतरेगी

किसान आंदोलन की मांग को लेकर आठ दिसंबर को भारत बंद है। इसमें पूरी ताकत के साथ पार्टी सड़क पर उतरेगी। किसानों की मांग नहीं मानी गई तो बिहार में आंदोलन तेज होगा। पार्टी की ओर से छह से 10 दिसंबर तक संविधान बचाओं देश बचाओ मार्च निकलेगा। चारों दिन तक अलग-अलग कार्यक्रम तय किया गया है। शहर से शुरुआत होगी। प्रखंड स्तर तक यह आंदोलन होगा। दस दिसंबर को मानवाधिकार दिवस पर गोष्ठी व विचार विमर्श के साथ इसका समापन होगा। माले सचिव ने कहा कि इधर लगातार सरकार मानवाधिकार का हनन कर रही है। किसानेां को लोकतांत्रिक अधिकार है आंदोलन करने का। जिस तरह से उनको रोका गया, पानी की बौछार की गई, रास्ता को बंद किया गया। यह सब उनके साथ आमानवीय व्यवहार किया गया। ऐसा लगा कि देश के किसान नहीं विदेशी है। यूपी व मध्यप्रदेश में सरकार के मुुखिया व उनके समर्थक लव जेहाद कहते है। प्यार करना जेहाद तो नहीं है। किसी भी बालिग को प्रेम करने व शादी करने का अधिकार है। लेकिन, यूपी, मध्यप्रदेश व बिहार में भाजपा नेताओं की ओर से उसको लव जेहाद कहा जा रहा है। लव को जेहाद कहना लोकतंत्र व संवैधानिक अधिकार पर हमला है।

आंदोलन को सरकार दबा रही

माले सचिव ने कहा कि जनता का जो भी आंदोलन चल रहा है उसको दबाना जा रहा है। आंदोलन को गैरकानूनी, अराजक, देश विरोधी ठहराने का काम सरकार कर रही है। किसान आंदोलन को भाजपा के नेता कह रहे हैं कि टूकडे-टूकडे गैंग कर रहा। इसको खालिस्तान समर्थक आंदोलन कहा जा रहा है। यह गलत है। किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की साजिश है। इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है। इन सवालों को लेकर पार्टी अगले चार दिनों तक जनजागरण चलाएगी। लोगों को सरकार के इन गलत नीतियों से अवगत कराते हुए आंदोलन से जोड़ा जाएगा। बिहार में भी किसान आंदोलन पर उतरे यह कदम उठाया जा रहा है। 


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