Move to Jagran APP

आवास योजना में भ्रष्टाचार की पोल खोल रही बाढ़, पक्के घर की जगह दिख रहीं झोपडिय़ां Muzaffarpur News

नौ प्रखंड बाढ़ की चपेट में सैकड़ों परिवारों ने छोड़ दिया घर। सैकड़ों गरीबों को अब तक नहीं मिल सकी योजना की राशि।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 09:27 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 09:27 AM (IST)
आवास योजना में भ्रष्टाचार की पोल खोल रही बाढ़, पक्के घर की जगह दिख रहीं झोपडिय़ां Muzaffarpur News
आवास योजना में भ्रष्टाचार की पोल खोल रही बाढ़, पक्के घर की जगह दिख रहीं झोपडिय़ां Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, [प्रेमशंकर मिश्र]। बाढ़ ने इंदिरा आवास व प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। रकम मिलने के बाद भी आवास का निर्माण नहीं कराया गया। यही कारण है कि बाढ़ में ध्वस्त जिन झोपडिय़ों की बात सामने आ रही, उनमें से अधिकतर को आवास योजना का लाभ मिला था।

loksabha election banner

जिले के नौ प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं। सैकड़ों परिवारों ने घर छोड़ दिया है। कारण, इनके घर पक्के नहीं हैं। इन गरीब परिवारों में वैसे भी हैं, जिन्हें इंदिरा आवास योजना की राशि मिली थी। मगर, घर नहीं बनाया। कारण, पहली किस्त में बंदरबांट के बाद इतनी राशि नहीं बची कि लिंटर तक निर्माण कर पाते। वहीं, कई को योजना की राशि नहीं मिली।

मीनापुर की बारा भारती पंचायत के मधुबन कांटी के जगदीश सहनी हों या असर्फी ठाकुर। वर्ष 2017 की बाढ़ में भी इनकी झोपडिय़ां बह गई थीं। मजदूरी कर इसे खड़ा किया था। इस वर्ष बाढ़ में झोपडिय़ां फिर डूब गईं। इन परिवारों को इंदिरा आवास की राशि अब तक नहीं मिली। मूसाचक निवासी जियालाल राम को इंदिरा आवास की राशि मिली थी। पहली किस्त में ही दस हजार 'भेंट' चढ़ानी पड़ी। आगे निर्माण के लायक पैसा नहीं बचा। जो हाथ आया, वह खर्च हो गया। झोपड़ी बनाई जो अब बाढ़ की चपेट में आ गई है।

इसी तरह मुशहरी की अब्दुलनगर उर्फ माधोपुर पंचायत के दर्जनों परिवार ऐसे हैं, जिन्हें आवास के लिए राशि मिली थी। मगर, झोपड़ी से ऊपर कुछ नहीं बना। नतीजा बाढ़ में फिर लोगों को घर छोडऩा पड़ा। बड़ा जगन्नाथ की स्थिति भी कुछ अलग नहीं। नदी की पेटी में घर बनाने के लिए लाभुकों को भी योजना का लाभ दिया गया। मगर, यहां भी वही हाल।

गायघाट प्रखंड के बेनीबाद इलाके में गरीबों की झोपड़ी के कुछ अंश दिखाई दे रहे हैं। गरीबों के लिए बनीं योजनाएं भ्रष्टतंत्र में फंसकर कैसे दम तोड़ रहीं, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।

राज्य स्तर की जांच या शिकायतों के बाद गड़बड़ी की फाइल खुली। मगर, राशि वसूली के लिए 'लाल नोटिस' जारी कर खानापूरी कर ली गई। यह जांच भी नहीं हो पाई कि आखिर किस कारण गरीबों के घर नहीं बने। इससे वे लोग बचे रह गए, जिनके कारण गरीबों को हर बाढ़ के बाद अपने आशियाने बनाने पड़ते हैं।

योजना की स्थिति बेहतर नहीं

गरीब परिवारों को अब प्रधानमंत्री आवास योजना से एक लाख 20 हजार रुपये 40-40 हजार रुपये तीन किस्तों में मिलते हैं। मगर, ताजा रिपोर्ट के अनुसार तीनों किस्त मिलने के बाद भी दर्जनों परिवारों ने आवास नहीं बनवाए। इस बारे में डीडीसी उज्ज्वल कुमार सिंह ने कहा कि कुछ ऐसी झोपडिय़ां भी हैं जो बागमती तटबंध के अंदर हैं। मुआवजा लिए जाने के बाद वहां इंदिरा आवास का निर्माण नहीं किया जाना था। वहीं, राशि लेने के बाद भी आवास नहीं बनाने की विस्तृत जांच कराई जाएगी।

राशि मिलने के बाद भी निर्माण नहीं करने वाले परिवारों की संख्या

-प्रथम किस्त मिलने के छह माह बाद भी निर्धारित निर्माण कार्य पूरा नहीं : 14,319

-प्रथम किस्त मिलने के नौ माह बाद भी निर्धारित निर्माण कार्य पूरा नहीं : 11,000

-प्रथम किस्त मिलने के 12 माह बाद भी निर्धारित निर्माण कार्य पूरा नहीं : 5,986

-पहली किस्त मिलने के 90 दिनों बाद भी दूसरी किस्त की राशि नहीं लेने वाले : 7,838

-दूसरी किस्त मिलने के 90 दिनों बाद भी तीसरी किस्त की राशि नहीं लेने वाले : 6,202

-तीनों किस्तों की राशि लेने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं : 71

-समय सीमा समाप्त : 632

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.