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अतिक्रमणकारियों से निपटने में निगम प्रशासन विफल, नालियों पर मकान-दुकान

शहर की सभी छोटी-बड़ी नालियां अतिक्रमण की शिकार, सफाई कार्य में परेशानी। अतिक्रमणकारियों से निपटने में जिला एवं निगम प्रशासन विफल।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 10:36 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 10:34 AM (IST)
अतिक्रमणकारियों से निपटने में निगम प्रशासन विफल, नालियों पर मकान-दुकान
अतिक्रमणकारियों से निपटने में निगम प्रशासन विफल, नालियों पर मकान-दुकान

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। स्टेशन रोड में सड़क पर नाले का पानी बहता है। हल्की बारिश होने पर मोतीझील तालाब में बदल जाता है। शहर के पूर्वी भाग में स्थित एक दर्जन वार्ड अक्सर गंदे पानी के तालाब में तब्दील हो जाते हैं। चर्च रोड एवं चैपमैन रोड स्थित मकानों में नाले का पानी प्रवेश कर जाता है। इस स्थिति के लिए शहर की छोटी-बड़ी नालियों पर बने अवैध मकान व दुकान जिम्मेवार है।

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स्टेशन रोड में नाले के ऊपर दुकान बना दिए गए हैं। जिससे उड़ाही नहीं हो पाती। मोतीझील में दुकानदारों ने नाले के ऊपर ही दुकान सजा ली है, इससे नाला की सफाई नहीं हो पाती। शहर के पूर्वी भाग से गंदे पानी की निकासी के लिए बने मुख्य नाले को अवैध निर्माण कर रोका जा रहा है। गोशाला रोड में नाले के ऊपर मकान बनाकर बहाव को बाधित कर दिया गया है।

 बारिश का पानी हो या फिर लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी, वह नालियों से होकर नहीं निकल पा रहा। कारण, नालियों के बहाव में अतिक्रमण रोड़ा की तरह है। बावजूद जिला, पुलिस एवं निगम प्रशासन मूकदर्शक है। नालियों पर हो रहे अतिक्रमण की शिकायत की अनदेखी की जा रही है।

इन नालों पर है कब्जा

- कल्याणी चौक भाया चपड़ा पुल से कमरा मोहल्ला स्लूस गेट तक

- कल्याणी चौक, पंखा टोली, नीतीश्वर मार्ग, स्पीकर रोड, छाता चौक होते हुए खबड़ा तक जाने वाला फरदो नाला। सफाई को नाला के दोनों तरफ तीन-तीन फीट जगह छोड़ दी गई थी, लेकिन लोगों ने उस पर कब्जा कर लिया है।

- हाथी चौक, पानी टंकी, देवी मंदिर, हरिसभा चौक होते हुए कल्याणी जाने वाली सड़क

- रामबाग चौड़ी, रामबाग रोड, चुना भट्टी रोड होते हुए बीएमपी-6

- क्लब रोड, पानी टंकी चौक, जुब्बा सहनी पार्क, मिठनपुरा चौक होते हुए शेरपुर रेलवे लाइन पार तक शहर से बाहर जाने वाला नाला

- मोतीझील, सरैयागंज, तिलक मैदान रोड नाला

नाले पर अतिक्रमण से होने वाली परेशानियां

- फरदो नाला की उड़ाही के लिए कोई भी वाहन नाले तक नहीं पहुंच पाता। दोनों तरफ पर्याप्त जगह छोड़ी गई थी, जिस पर मकान बना दिया गया

- स्टेशन रोड में नाले पर रेलवे द्वारा दुकान का आवंटन किया गया है। इससे नाला की उड़ाही पिछले दशकों से नहीं हो पाई है। यहां सालों भर सड़क पर नाले का पानी लगा रहता है।

- अतिक्रमण के कारण कमरा मोहल्ला स्लूस गेट होकर पानी नहीं निकल पाता है। लोग जलजमाव की समस्या झेलने को विवश हैं।

प्रशासनिक कवायद

- वर्ष 2009 में तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त एसएम राजू प्रशासन के आलाधिकारियों के साथ शहर का भ्रमण करने गए थे। नाला अतिक्रमण करने वालों को चिह्नित कर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन आज तक प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई।

- डीएम संतोष कुमार मल्ल ने वर्ष 2011 में शहर का भ्रमण कर नालों पर अतिक्रमण करने वालों पर कानूनी कार्रवाई के लिए निगम को लिखा था लेकिन आदेश पर अमल नहीं हुआ।

कहता है कानून

- बिहार नगरपालिका अधिनियम की धारा 435 के अनुसार नगरपालिका संपत्ति यानि सड़क, गली या पगडंडी का अतिक्रमण या उसमें अवरोध पैदा करना कानूनन अपराध है। ऐसा करने वालों पर एक हजार तक का जुर्माना लगेगा।

- धारा 436 के अनुसार जुर्माना नहीं देने पर कारावास की सजा का प्रावधान है, जो छह माह या उससे अधिक की हो सकती है।

- बिहार पब्लिक लैंड अतिक्रमण अधिनियम की धारा 3 के तहत जनहित में किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को प्रशासन हटा सकता है।

- हाई कोर्ट के निर्देशानुसार जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाए। नहीं हटाने पर न्यायालय के आदेश की अवमानना माना जाएगा। अतिक्रमण हटाने के बाद यदि वहां फिर से अवैध कब्जा होता तो इसके लिए स्थानीय थाना जिम्मेवार होगा।


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