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कोरोना व भारत-नेपाल तनाव से सामाजिक संबंध प्रभावित, किसी की टल गई शादी तो कोई अपनों से नहीं मिल पा रहा

India Nepal Tension effect नेपाल सीमा के बगहा बेतिया रक्सौल मधुबनी सीतामढ़ी के लोग चिंतित। दर्जनों शादियां स्थगित अपनों के निधन पर भी मिलने नहीं जा पा रहे।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 05:36 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 05:36 PM (IST)
कोरोना व भारत-नेपाल तनाव से सामाजिक संबंध प्रभावित, किसी की टल गई शादी तो कोई अपनों से नहीं मिल पा रहा
कोरोना व भारत-नेपाल तनाव से सामाजिक संबंध प्रभावित, किसी की टल गई शादी तो कोई अपनों से नहीं मिल पा रहा

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध है। सीमा क्षेत्र के तमाम लोगों की रिश्तेदारी नेपाल में है। लेकिन, कोरोना और दोनों देशों के बीच बिगड़े संबंधों ने ऐसे परिवारों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। कोई अपने से नहीं मिल पा रहा तो किसी की शादी टल गई है। अपनों के निधन पर भी लोग शोक संवेदना जताने नहीं जा पा रहे। इससे सामाजिक और पारिवारिक संबंध प्रभावित हुए हैं। 

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बगहा का वाल्मीकिनगर नेपाल सीमा से सटा है। सीमा सील होने से नेपाल में होने वाली 15 शादियां टल गई हैं। नवलपरासी निवासी अजय साह ने बताया कि उनके बेटे की शादी वाल्मीकिनगर में होनी थी। इसे अगले साल के लिए टाल दिया गया है। नेपाल के रैवा निवासी सुकई बीन की बेटी की शादी 10 मई को वाल्मीकिनगर के सेमरीडीह में होनी थी। उसे भी अगले वर्ष के लिए टाल दिया गया। बेतिया के मैनाटांड़ प्रखंड के बभनौली गांव के जगदीश पटेल के पुत्र राजन कुमार की शादी नेपाल के बीरगंज निवासी दीपेंद्र पटेल की पुत्री से 20 मई को होनी थी। लॉकडाउन के कारण टालनी पड़ी। वाल्मीकिनगर के टेंट कारोबारी सुमन कुमार कहते हैं, दो दर्जन बुकिंग रद हो गई। नवंबर व दिसंबर के लिए भी बुकिंग नहीं हो रही। 

बेटे का मुंह तक नहीं देख सकीं

पूर्वी चंपारण के रक्सौल के व्यापारी विमल रूंगटा के ममेरे भाई काठमांडू निवासी मनीष छपौलिया का निधन 10 दिन पहले हो गया था। सीमा सील होने से वे नहीं जा पा रहे हैं। रक्सौल वार्ड नंबर-3 निवासी जान मोहम्मद अंसारी के बहनोई नेपाल के कलैया में रहते हैं। रक्सौल से इसकी दूरी मात्र 24 किलोमीटर है। उनके बहनोई का निधन एक माह पूर्व हो गया था। सूचना मिलते ही गाड़ी लेकर निकले, लेकिन सीमा पर रोक दिया गया। कहते हैं, नेपाल से रोटी-बेटी का संबंध कहने मात्र को रह गया है। नवलपरासी निवासी कलावती देवी की पीड़ा तो दिल दहलाने वाली है। उनके बेटे का निधन 29 मई को दिल्ली में हो गया था। तमाम कोशिश के बावजूद उसका शव नेपाल नहीं पहुंच सका। वह अपने बेटे का शव तक नहीं देख सकीं। बेतिया के कंगली क्षेत्र के बहुअरवा गांव निवासी शिवबालक ठाकुर एवं रामबालक ठाकुर नेपाल के बीरगंज में काम करते हैं। मई में चाचा के निधन के बाद भी नहीं आ सके। 

नहीं जा पा रहीं मायके

बेतिया के राजकुमार पटेल की पुत्री छाया की शादी पिछले वर्ष नेपाल के कुर्मी संघ के केंद्रीय अध्यक्ष सदानंद प्रसाद कुर्मी के पुत्र से हुई। छाया रक्षाबंधन पर नहीं आ सकी। उसका भाई भी राखी बंधवाने नहीं जा पाया। जनकपुर से मधुबनी के जयनगर के विशौल में ब्याहीं शिक्षिका प्रेम कुमारी ठाकुर माता-पिता से मिलने नहीं जा पा रहीं।  

इलाज के लिए नहीं आने दिया, सीमा पर मौत

मधुबनी के जयनगर की सविता देवी व तारा देवी ने एक वर्ष पूर्व नेपाल के लहान में एक आंख का ऑपरेशन कराया था। दूसरी आंख का ऑपरेशन नहीं करा पा रहीं। नेपाल की सुफिया देवी सीतामढ़ी के सोनबरसा अपनी बेटी के यहां आई थीं। तबीयत खराब होने से उनकी मौत हो गई। मां को मुखाग्नि देने बेटे नहीं आ सके। सुरसंड प्रखंड के श्रीखंडी भिट्ठा निवासी राजकुमार चौधरी अप्रैल में ससुराल जनकपुर में गए थे। अचानक तबीयत बिगड़ी तो स्वजन भारत लाने का प्रयास करने लगे। बॉर्डर सील होने से नहीं आने दिया गया और उनकी मौत हो गई।

 इस बारे में रक्सौल कमांडेंट एसएसबी प्रियव्रत शर्मा ने कहा कि कोरोना को लेकर सीमा सील है।  साथ ही नेपाल से तल्ख रिश्ते और चीन से बढ़ते तनाव को लेकर ग्रामीण रास्तों पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है।


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