जिला कार्यक्रम प्रबंधक व प्रशिक्षण दल पदाधिकारी में ठनी, जानिए मामला
मामला बंध्याकरण के बावजूद महिला के गर्भवती होने का। सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचकर महिला ने लिखित शिकायत दर्ज कराई। महिला का आरोप है कि बंध्याकरण के छह माह बाद वह गर्भवती हो गई।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बंध्याकरण के बाद गर्भवती होने के मामले में जांच रिपोर्ट को लेकर जिला प्रशिक्षण दल प्रभारी डा. हसीब असगर व जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा.बीपी वर्मा के बीच ठन गई है। दोनों के बीच का विवाद सिविल सर्जन के पास पहुंचा। विवाद के बारे में मिली जानकारी के अनुसार गायघाट पीएचसी में बंध्याकरण के बाद केवटसा की एक महिला गर्भवती हो गई। सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचकर महिला ने लिखित शिकायत दर्ज कराई। महिला का आरोप है कि गत वर्ष 24 अगस्त 2018 को उसका बंध्याकरण हुआ था। लेकिन, छह माह बाद वह गर्भवती हो गई।
महिला ने सीएस के साथ लोक शिकायत निवारण कार्यालय से भी इसकी शिकायत की। लोक निवारण कार्यालय की ओर से इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग से निवारण के लिए पत्र दिया गया। सीएस स्तर से जब छानबीन हुई तो जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने कहा कि इस प्रकरण के लिए जांच दल ने रिपोर्ट नहीं दी है। जांच दल में डा. हसीब असगर शामिल हैं। जिला स्वास्थ्य समिति का पत्र मिलने के बाद डा.असगर गंभीर हुए। उन्होंने अपने स्तर से सिविल सर्जन को पत्र लिखा कि जिस गर्भवती महिला के बंध्याकरण के संबंध में जांच करने वाली टीम में एसीएमओ व डा.अंजुम आरा को रखा गया है। उस टीम में वह नहीं हैं।
डा.असगर ने आरोप लगाया कि वरीय चिकित्सक को सीधे कार्यक्रम प्रबंधक पत्र नहीं दे सकते। इधर सिविल सर्जन ने कहा कि उनके पास डा.हसीब असगर की शिकायत मिली है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक से जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद अगली कार्रवाई होगी। बंध्याकरण वाली महिला का दावा नियमानुसार होगा तो उसको सरकारी सहयोग किया जाएगा।
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