ऑनलाइन बिजनेस पर नियंत्रण से खत्म होगी इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार की मंदी Muzaffarpur News
कारोबारियों ने कहा सावन भादो में तो इलेक्ट्रानिक्स गुड्स का कारोबार हमेशा मंदा रहता है। वर्तमान आर्थिक मंदी का खास असर नहीं।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स का कारोबार तो सदाबहार है। गर्मी हो या सर्दी हर मौसम में उपभोक्ताओं की मांग रहती है। ऐसे में देश में चल रही आर्थिक मंदी का इस व्यवसाय पर खास असर नहीं है। लेकिन, विगत कई सालों से ऑनलाइन बिजनेस ने इस कारोबार में मंदी ला दिया है। सरकार को इस कारोबार में नियंत्रण की नीति घोषित करनी पड़ेगी। तभी मध्य वर्ग के इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापारियों को राहत मिलेगी। वरना यह कारोबार वास्तव में मंदी का शिकार हो जाएगा। ये बातें रविवार को मंदी पर वार पर इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबारियों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
शहर में उत्तर बिहार की सबसे बड़ी इलेक्ट्रानिक्स गुड्स की मंडी है। यहां तिलक मैदान में थोक व फुटकर दोनों प्रकार के प्रतिष्ठान हैं। इसके अलावा मोतीझील, कल्याणी, छोटी सरैयागंज आदि में अनेक थोक कारोबारी हैं।
उत्तर बिहार की सबसे बड़ी इलेक्ट्रानिक्स गुड्स की मंडी होने के कारण सावन भादो में भी 50 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होता है। लेकिन, विगत पांच सालों से ऑनलाइन बिजनेस ने यहां के ग्राफ को गिरा दिया है।
इंवर्टर के थोक विक्रेता गौरव कुमार ने कहा कि इन दिनों उमस भरी गर्मी है। ऐसे में इंवर्टर की मांग अधिक होनी चाहिए। लेकिन, ऐसा नहीं है। क्योंकि ग्राहक ऑनलाइन दाम देखकर वहां से ही बैटरी एवं इंवर्टर खरीद लेते हैं। ऐसे में ग्राहक उनके पास नहीं आते हैं।
उपहार इंटरप्राइजेज के मोहन कुमार ने बताया कि सरकार की नोटबंदी के बाद से कारोबार में गिरावट आनी शुरू हो गई थी। उस पर तुर्रा ऑनलाइन बिजनेस का रहा। इसके कारण और भी हमारा बिजनेस मंदा हुआ। वरना घरेलू उपकरणों का बाजार तो सदाबहार रहता है। लेकिन, इन दिनों मध्य वर्ग की आय से अधिक खर्च होने से चाह कर भी वे घरेलू इलेक्ट्रानिक्स उपकरण मिक्सी, आर ओ आदि नहीं क्रय कर पा रहे हैं। सरकार को बाजार में कैश फ्लो करने की नीति बनानी पड़ेगी।
नंद इलेक्ट्रानिक्स के रवि कुमार का कहना है कि इस सीजन में हम लोगों का कारोबार इतना ठप होगा। इसकी उम्मीद नहीं थी। सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव लानी पड़ेगी। वरना, हम लोगों की परेशानी निरंतर बढ़ जाएगी। मोबाइल विक्रेता रमेश कुमार का कहना हे कि इस ऑनलाइन बिजनेस ने तो मोबाइल व्यवसाय को हाशिए पर ला दिया।
सरकार का हो वार
- ऑनलाइन बिजनेस से सस्ता माल ग्राहकों तक पहुंचता है। लेकिन, कई बार ग्राहक ठगी के शिकार होते हैं। खरीदे गए माल की गुणवत्ता की शिकायत नहीं हो पाती है। माल भी मांग के अनुरूप नहीं होता है। दिखाया कुछ जाता है और ऑनलाइन भेजा कुछ और जाता है। ऐसे मे ऑनलाइन इलेक्ट्रानिक्स गुड्स की बिक्री नियंत्रित की जाए। इसका प्रतिशत तय किया जाए।
- क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग आदि से आम आदमी सामान खरीदने से कतराता है। लिहाजा नगद की सुविधा एटीएम से बढ़ाई जाए।
- जीएसटी का लाभ दाम की कमी पर पड़े। ताकि लोग सामान खरीदने के लिए आकर्षित हों।
कारोबारियों का होगा वार
- अब 50 से 100 रुपये लाभ पर सामान की बिक्री करेंगे।
- ऑफ सीजन छूट के लिए कंपनियों से बात करेंगे।
- त्योहार के मौके पर लुभावने ऑफर देंगे।