पश्चिम चंपारण में बिक रहीं दूषित खाने की चीजें, कोरोना काल में संक्रमण का खतरा
पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में दुकानों में दूषित खाने-पीने की चीजें बिकती हैं। इससे फूड प्वायजनिंग सहित कोरोना संक्रमण का खतरा रहता है। लेकिन इसपर नियंत्रण की समुचित सरकारी व्यवस्था नहीं है। दुकानों की जांच के नाम पर भी सिर्फ खानापूरी की जाती है।
पश्चिम चंपारण (बगहा), जागरण संवाददाता। पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में शहर से लेकर दूर-दराज के ग्रामीण इलाके में सड़क किनारे दुकानों में दूषित खाने-पीने की चीजों की भरमार है। इस कोरोना काल में इससे संक्रमण का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। लेकिन इसपर नियंत्रण के उपाय नहीं हो रहे हें।
शहर में जहां सड़कों के किनारे खुले में बिकने वाले चाट पकौडे, मांस मछली उड़ती धूल और कीटाणु के कारण कोरोना सहित अन्य बीमारियों को दावत दे रहे हैं। वहीं गांवों में भी चाट, गोलगप्पे आदि के खोमचे इन बीमारियों में इजाफा कर रहे हैं। रुपयों के लालच में बिकने वाले बासी खाने, चाट पकौड़े, मिठाइयां भी कई तरह की समस्याओं को जन्म देती है। जिसे खाने से बराबर चिकित्सक मना करते हैं, मगरकुछ जीभ के स्वाद और कुछ मजबूरीवश हम ऐसे बीमारियों को गले लगा लेते हैं। इन बीमारियों का सबसे ज्यादा प्रभाव छोटे छोटे बच्चों पर होता है। तो बड़े भी पेट के साथ ही अन्य कई रोग के शिकार बनते हैं।
बासी खाना व बाजार की सड़ी गली सब्जियां खाते बहुत लोग :
शहर, गांवों में चलने वाले होटलों के संचालको का लोगों के स्वास्थ्य से कोई मतलब नहीं होता है। इनका उद्देश्य एकमात्र पैसा कमाना है। जिसके कारण रात की बची सब्जी व अन्य भोजन को दूसरे दिन गरम करके ग्राहकों को परोस दिया जाता है। वहीं अमूमन छेना, खोया की मिठाई एक से दो दिनों में खराब हो जाती है। जिनके गंध को मिटाने के लिए गुलाब जल छिड़क कर होटल वाले ग्राहकों को दे देते है। जिनसे कई तरह के रोग होते है। इधर नगर से लेकर गांव तक चाट पकौड़े वाले भी बासी चीजों का इस्तेमाल करते है, जो कई रोगों के वाहक होते हैं।
जांच के नाम पर सिर्फ खानापूरी :
बगहा में जांच के नाम पर सिर्फ खानापूरी की जाती है। जिसके कारण यह धंधा बदस्तूर चल रहा है। अगर किसी के साथ कोई समस्या हो भी जाती है तो इसकी शिकायत कहां की जाए लोगों को इसका पता ही नहीं है।
इस संबंध में बगहा होमियो कैंसर सेवा अस्पताल के चिकित्सक डॉ.भानु प्रताप सिंह कहते हैं कि दूषित व बासी खाना खाने से परहेज करना चाहिए। इससे गैस, बदहजमी के साथ ही पेट दर्द, पेट का कीड़ा होता है। कई बार लोग फूड प्वाइजनिंग के भी शिकार हो जाते हैं। इस तरह की समस्या होने पर सीधे चिकित्सक को दिखाना चाहिए।