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दरभंगा में गनौली अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन आधा-अधूरा

Darbhanga news जांच की व्यवस्था बिजली की कमी के कारण लोगों के लिए कारगर नहीं एपीएचसी के लिपिक सीएस कार्यालय में प्रतिनियुक्त सीएस ने कहा- मामले में जानकारी लेकर करेंगे कार्रवाई। व्यवस्था ठीक नहीं होने से मरीज परेशान।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 03:34 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 03:34 PM (IST)
दरभंगा में गनौली अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन आधा-अधूरा
दरभंगा ज‍िले के गनौली में एपीएचसी भवन में लगी गंदगी। फोटो-जागरण

दरभंगा, जासं। जिले के गनौली अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था कोरोना के इस वक्त में भी मजबूत नहीं है। संसाधनों की कमी के कारण आम मरीजों का मरीजों को इलाज नहीं किया जा रहा है। व्यवस्था की कमजोरी का खामियाजा स्थानीय लोगों को झेलना पड़ रहा है। पीएचसी के प्रधान लिपिक दो वर्षों से सिविल सर्जन कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर हैं। यहां तैनात चिकित्सक डा. नरेंद्र नाथ ने बताया कि एपीएचसी की व्यवस्था जर्जर है। भवन निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन संवेदक ने इसका निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया है। पुराने भवन पर स्थानीय लोगों ने अवैध कब्जा कायम कर रखा है।

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भवन में बिजली की आपूर्ति नहीं रहने के कारण मरीजों की जांच सही वक्त पर नहीं हो पाती है। बावजूद इसके कि यहां लैब टेक्नीशियन की व्यवस्था की तैनाती है। संसाधन भी उपलब्ध है। बिजली नहीं रहने के कारण अधिकांश मरीजों को इलाज कराने में कठिनाई होती है। स्थानीय लोग बताते हैं कि इस केंद्र के अंतर्गत सैकड़ों की संख्या में टीवी के मरीज हैं। इसकी संख्या बढ़ती जाती है। वहीं दूसरी ओर स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं रहने के कारण अधिकांश महिलाओं के इलाज और प्रसव की व्यवस्था नहीं है। इसके कारण अधिकांश लोगों को इलाज कराने के लिए निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। इस संबंध में पूछने पर सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार ने बताया कि इस बारे में पूरी जानकारी लेकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सदर एसडीओ ने पांच मामलों का किया निष्पादन

दरभंगा। सदर अनुमंडल पदाधिकारी स्पर्श गुप्ता व सदर एसडीपीओ कृष्ण नंदन कुमार की संयुक्त अध्यक्षता में गुरुवार को अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय प्रकोष्ठ में भूमि विवाद मामलों से संबंधित बैठक हुई। बैठक में भूमि विवाद से सबंधित कुल एक दर्जन मामलों की सुनवाई की गई। इनमें पांच मामलों में समझौता के आधार पर भूमि विवाद का निष्पादन किया गया। शेष सात मामलों में सभी संबंधित को विस्तृत जांच प्रतिवेदन के साथ 9 फरवरी को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया। साथ ही प्रत्येक महीने के दूसरे एवं चौथे बुधवार को बैठक करने का निर्देश दिया गया। बैठक में अपर अनुमंडल पदाधिकारी, सदर तथा अंचल अधिकारी हनुमाननगर शामिल थे।


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