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मरीजों की पूरी नहीं हुई इलाज की आस

लाकडाउन से निर्माण व फिनिशिग का काम बाधित होने से एसकेएमसीएच में निर्माणाधीन आठ विभागों का सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल चालू नहीं हो पाया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 12:59 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 12:59 AM (IST)
मरीजों की पूरी नहीं हुई इलाज की आस
मरीजों की पूरी नहीं हुई इलाज की आस

मुजफ्फरपुर : लाकडाउन से निर्माण व फिनिशिग का काम बाधित होने से एसकेएमसीएच में निर्माणाधीन आठ विभागों का सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल चालू नहीं हो पाया। इस कारण मरीजों को इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है। 2020 में इसे चालू होना था, लेकिन अबतक निर्माण अधूरा है।

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लाकडाउन से निर्माण कार्य पर असर पड़ा

जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से बन रहे भवन में नेफ्रोलाजी, न्यूनेटोलाजी, रेडियोथेरेपी, कार्डियोवेस्कुलर सर्जरी, यूरोलाजी, न्यूरोलाजी (मेडिसीन व सर्जरी), कार्डियोलाजी, बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग की सेवा शुरू होनी है। सभी विभागों में 20-20 बेड व आवश्यकता के अनुसार आधुनिक मशीनें लगेंगी। कुछ सामान्य वार्ड भी हैं। इस बारे में एसकेएमसीएच के प्राचार्य डा. विकास कुमार ने बताया कि सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल का काम चल रहा है। यह सही है कि लाकडाउन के कारण कार्य बाधित हुआ। इलाज के लिए मशीन आ चुकी है। कुछ निर्माण बाकी है। निर्माण पूरा होते ही मशीनें लगनी शुरू हो जाएंगी।

निर्माण की बाधा दूर करने की चल रही कवायद

एसकेएमसीएच में बन रहे सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के निर्माण की बाधा दूर करने की कवायद चल रही है। सांसद अजय निषाद एसकेएमसीएच प्राचार्य डा. विकास कुमार व निर्माण एजेंसी के साथ नियमित कार्य की समीक्षा कर स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ संवाद करके उसे पूरा कराने में जुटे हैं। एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना से काम में विलंब हुआ। अभी जो अधूरा काम है उसे पूरा करने में 37 करोड़ की लागत आएगी। परिसर में भवन बनकर तैयार है। प्राचार्य डा.कुमार ने बताया कि सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल बन जाने के बाद मुजफ्फरपुर ही नहीं उत्तर बिहार के लोगों को हृदय, किडनी, न्यूरो आदि प्रमुख रोगों के इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यहां विशेषज्ञ चिकित्सक आ गए हैं। इलाज के लिए जरूरी उपकरण भी उपलब्ध हैं। अस्पताल बनने के साथ उपचार शुरू हो जाएगा। इस संबंध में निर्माण कर रही कंपनी राइटस के चीफ प्रोजेक्ट प्रबंधक अश्विनी कुमार कौल ने बताया कि छह मंजिला अस्पताल के निर्माण पर 87 करोड़ रुपये खर्च होंगे। केंद्र व राज्य सरकार की ओर से 50 करोड़ के उपकरण भी आ चुके हैं। अभी 60 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। शेष काम तीव्र गति से चल रहा है। 31 मार्च तक निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। काम पर निगरानी के लिए 16 अभियंताओं की टीम लगी है।

स्वास्थ्य मंत्री से चल रहा संवाद इस साल मिले सुविधा यह पहल

सांसद अजय निषाद ने कहा कि एसकेएमसीएच में बन रहा सुपर ंस्पेशलिटी अस्पताल 31 मार्च तक तैयार करने का लक्ष्य तय है। वह इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री संग बैठक कर निर्माण की बाधा दूर करने की पहल कर रहे हैं। अस्पताल के लिए जरूरी सारे उपकरण यहां पहुंच गए हैं। भवन निर्माण का काम अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि निर्माण की बाधा दूर हो जाएगी। बहुत तेजी से यहां पर काम चल रहा है। वह सारे फीड बैक मंत्रालय स्तर पर दिए हैं। सांसद ने कहा कि एसकेएमसीएच के प्राचार्य डा.विकास कुमार खुद इस काम की निगरानी कर रहे हैं।

सुपर स्पेशलिटी में होगी व्यवस्था :

- नेफ्रोलाजी, न्यूरोलाजी में न्यूरो सर्जरी व जनरल न्यूरो विभाग होंगे।

-- गैसट्रोलाजी, कार्डियोलाजी की सेवा रहेगी।


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