बिहार में ओवैसी-वारिस के बाद अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ मुकदमा दायर दर्ज हुआ है। शनिवार को मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में उनके खिलाफ परिवाद दायर किया गया है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Complaint filed against Union Minister Giriraj Singh after Owaisi and waris in Muzaffarpur : बिहार में अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh) के खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया है। शनिवार को मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) के कोर्ट में उनके खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। बताया जा रहा है कि यह परिवाद गिरिराज सिंह की ओर से मुस्लिमों (Muslims) को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर दर्ज कराया गया है। गिरिराज सिंह के खिलाफ एमराजू नैय्यर ने परिवाद दर्ज कराया है। इसके अलावा नैय्यर ने वारिस पठान के खिलाफ भी परिवाद दायर किया है। सीजेएम ने परिवाद को सुनवाई पर रखा है।
गौरतलब है कि इसके पहले मुजफ्फरपुर कोर्ट में एआइएमआइएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी तथा महाराष्ट्र के पूर्व विधायक वारिस पठान के खिलाफ भी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है। यह परिवाद अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दाखिल किया है। परिवाद में दोनों के विरुद्ध धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया गया है। इस पर अगली सुनवाई चार मार्च को होगी।
उधर, मिठननपुरा थाना क्षेत्र के पक्की सराय निवासी एम राजू नय्यर ने अपने परिवाद में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि 1947 में देश बंटवारे के समय पूर्वजों से गलती हुई। इसके बाद एक धर्म विशेष के लोगों के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी की गई। वहीं, परिवाद में यह भी कहा गया है कि महाराष्ट्र के पूर्व विधायक वारिस पठान ने दो समुदायों को लेकर भड़काऊ भाषण देने व विद्वेष फैलाने का काम किया है।
गौरतलब है कि ओवैसी व वारिस के खिलाफ दर्ज परिवाद में सुधीर चौधरी की ओर से कहा गया है कि 21 फरवरी को कर्नाटक के गुलबर्ग में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक व एआइएमआइएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने बेहद आपत्तिजनक बयान दिया। यह बयान देश में धार्मिक उन्माद व समाज में शत्रुता फैलाने वाला है। उस जनसभा में ओवैसी भी मौजूद थे। जानबूझकर दिए गए बयान में उनकी सहमति थी।