मुजफ्फरपुर बालिका गृह की 49 पीडि़ताओं को तीन से नौ लाख रुपये मुआवजा
आयोग के अलावा ट्रायल कोर्ट साकेत ने भी पीडि़तों को योग्यता के आधार पर मुआवजा देने की सिफारिश की थी। यह भी सूचित किया गया कि बालिका गृह चलाने वाले एनजीओ का पंजीकरण रद कर दिया गया था। यह रिपोर्ट बिहार सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी है।
मुजफ्फरपुर, जासं। नगर थाना क्षेत्र के साहू रोड स्थित बालिका गृह की 49 यौन शोषित पीडि़ताओं को मुआवजा दिया गया है। इस मामले में 19 लोगों को दोषी भी करार दिया गया है। यह रिपोर्ट बिहार सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी है। आयोग ने अपनी वेबसाइट पर उक्त जानकारी मंगलवार को जारी की। इसमें कहा गया है कि बिहार सरकार ने सूचित किया है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौन शोषण की 49 पीडि़ताओं को तीन से नौ लाख रुपये मुआवजा का भुगतान किया है।
आयोग ने कहा कि कार्रवाई की रिपोर्ट से पता चलता है कि आइपीसी की धारा 120बी/376/34 तथा पाक्सो अधिनियम की धारा के तहत महिला थाना में 31 मई, 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में जांच सीबीआइ को स्थानांतरित कर दी गई और। बीस आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दायर की गई थी। इनमें से 19 को ट्रायल कोर्ट, साकेत, ने दोषी ठहराया। आयोग ने 29 नवंबर, 2018 को एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। आयोग के अलावा ट्रायल कोर्ट साकेत ने भी पीडि़तों को योग्यता के आधार पर मुआवजा देने की सिफारिश की थी। आयोग को यह भी सूचित किया गया कि बालिका गृह चलाने वाले एनजीओ का पंजीकरण रद कर दिया गया था। जिस परिसर पर यह बना था उसे भी ध्वस्त कर दिया गया था। मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निर्धारित अवधि में पूरी की गई। .
कोरोना जांच काउंटर पर संदिग्ध मरीजों ने किया हंगामा
मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में कोरोना जांच को लेकर संदिग्धों ने जमकर हंगामा किया। मंगलवार को दूसरी पाली में जांच करने वाले कर्मी नहीं आए। सभी काउंटर खाली पड़े थे। जांच कराने वाले इंतजार करते रहे। लंबी लाइन लग गई, लेकिन जांच करने वाले कर्मी नहीं आए। उसके बाद आक्रोशित लोग हंगामा करने लगे। हंगामा होता देख सुरक्षाकर्मी आए और सभी को समझाकर शांत कराया। हंगामे के कारण एक दर्जन से अधिक जांच कराने आए लोग वापस लौट गए। सिकंदरपुर के मोहन ङ्क्षबद ने कहा कि जांच के लिए एक बजे से लाइन में लगे, लेकिन अचानक हंगामा होने लगा तो वापस जा रहे हैं। जांच के जिला नोडल पदाधिकारी डा. सीके दास ने कहा कि समय पर जांच नहीं होने की शिकायत मिली है। इसकी जांच कर जो दोषी होंगे उनपर सख्त एक्शन होगा। वे अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंपेंगे।