AES से 'जंग' जीतने वाले बच्चों के खून के नमूनाें का किया जा रहा संग्रह, जानिए तैयारियों के बारे में
AES मीनापुर पहुंची आइसीएमआर की टीम ने संग्रह किए नमूने। पीडि़त परिवार व स्वस्थ बच्चों की हो रही केस स्टडी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। गर्मी में बच्चों के लिए कहर बनकर आने वाले बीमारी एईएस से 'जंग' जीत चुके बच्चों के खून का नमूना संग्रह किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के दौरा पर आई भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की टीम मीनापुर पहुंची। मीनापुर के सर्वाधिक प्रभावित पानापुर व नेउरा पंचायत टीम गई। पिछली बार नेउरा में 6 बच्चे बीमार हुए जिसमें एक बच्चे की मौत हुई थी वहीं पानापुर में सात बच्चे बीमार हुए जिसमें दो की मौत हुई।
41 गांव में जाएगी रिसर्च टीम
आइसीएमआर की टीम जिले के सर्वाधिक एईएस प्रभावित प्रखंड मोतीपुर, मीनापुर, मुशहरी व कांटी, मड़वन के 41 गांव में जाकर शोध करेगी। हैदराबाद से आई टीम स्थानीय स्तर पर आहार विशेषज्ञों को अपने टीम में शामिल किया है। जिला वेक्टरजनित रोग पदाधिकारी डॉ.सतीश कुमार ने कहा कि एक्यूट इंसेफलाइटिस की जद में जाने वाले बच्चों को बचाने के लिए हर स्तर पर पहल चल रही है। इलाज, जागरूकता व बचाव के लिए जिलाधिकारी व सिविल सर्जन के नेतृत्व में काम हो रहा है। सभी पीएचसी में विशेष वार्ड के साथ वहां सारी सुविधा मिले यह तैयारी जारी है।
टीम में ये हैं शामिल
एनआइएन हैदराबाद से जुड़े के श्रीरामा कृष्णा, डॉ.एन अरलाप्पा, डॉ.राघवेंद्र, सी साईं बाबू, सेफीम, रानी रेड्डी, जी निरैया व मेंसीमुला मुख्य रूप से शामिल हैं।
इन बिंदुओं पर चल रहा काम
ग्रामीणों ने बताया कि टीम गांव में पूछताछ के बाद खून नमूना ले रही।
- जो बच्चे चंगाा हुए हैं उनके रक्त का नमूना ले रही टीम।
-घर का बनावट पानी, बच्चे लंबाई, वजन, उम्र, घर में शौचालय व पेयजल के संबंध में टीम ले रही जानकारी।
- रक्त का नमूना संग्रह के बाद कार्मिटिन, विटीमीन बी, आयरन, सोडियम, पोटासियम की जांच करेगी।