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Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर जिला भाजपा में कोल्ड वार, हार पर अब भी जारी तकरार

Muzaffarpur Politics बिहार विधानसभा चुनाव में जिले की दो महत्वपूर्ण सीटें नगर व कुढ़नी गंवाने के बाद से जारी तकरार अब भी खत्म नहीं हुई है।जिला संगठन पर कांग्रेस की संस्कृति हावी होने का आरोप लगाने वाले पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा अपना रास्ता अलग करते नजर आ रहे हैं।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 12:44 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 12:44 PM (IST)
Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर जिला भाजपा में कोल्ड वार, हार पर अब भी जारी तकरार
पूर्व नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा (फाइल फोटो)

मुजफ्फरपुर, [प्रेम शंकर मिश्रा]। बिहार विधानसभा चुनाव में जिले की दो महत्वपूर्ण सीटें नगर व कुढ़नी गंवाने के बाद से जारी तकरार अब भी खत्म नहीं हुई है। पार्टी नेता एक-दूसर को सीधे कुछ बोलने से जरूर परहेज कर रहे। मगर, जिला भाजपा में कोल्ड वार की स्थिति है। कई नेता अपनी अलग रणनीति के साथ चल रहे। संगठन की ओर से भी उनके मान-मनौव्वल को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा। इससे दूरियां बढ़ती जा रहीं। 

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पूर्व मंत्री अपना रास्ता अलग करते नजर आ रहें

जिला संगठन पर कांग्रेस की संस्कृति हावी होने का आरोप लगाने वाले पूर्व नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा अपना रास्ता अलग करते नजर आ रहे हैं। वहीं उनके करीबी व कुढ़नी के पूर्व विधायक केदार गुप्ता भी उनके ही रास्ते पर हैं। इसकी झलक जिला भाजपा द्वारा आयोजित पार्टी के विधायक, मंत्री व सांसद के सम्मान समारोह में दिख गई। पार्टी के वरीय नेता से लेकर छोटे कार्यकर्ताओं की इसमें मौजूदगी रही। मगर, एक खेमा ने इससे दूरी बनाए रखी। ना तो पूर्व मंत्री ने इसमें शिरकत की ना पूर्व विधायक केदार गुप्ता ने।  शहरी क्षेत्र के छह मंडल अध्यक्षों में चार इसमें शामिल नहीं हुए।

 माना जा रहा कि ये मंडल अध्यक्ष भी पूर्व मंत्री के ही करीबी हैं। पार्टी के जिला प्रवक्ता के अनुसार सभी को आमंत्रण भेजा गया था। मौजूदगी भी अधिसंख्य पार्टी नेताओं की रही। मंत्री व औराई विधायक रामसूरत राय, बरूराज विधायक अरुण कुमार सिंह, सांसद अजय निषाद व प्रदेश उपाध्यक्ष बेबी कुमारी की मौजूदगी रही। ये सभी सम्मानित भी किए गए। मगर, कुछ अनुपस्थिति ने जरूर सवाल खड़ा कर दिया है। कुढ़नी के पूर्व विधायक व पिछले चुनाव में पार्टी उम्मीदवार केदार गुप्ता कहते हैं, सम्मान जीते हुए उम्मीदवारों का था। इसलिए वे इस समारोह में शामिल नहीं हुए। नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है। उनके लिए सभी बराबर हैं।

 हालांकि, इस सम्मान समारोह में पारू विधायक अशोक सिंह की भी गैरमौजूदगी रही। जबकि वे लगातार चौथी बार चुनाव जीते हैं। इस मुद्​दे पर पार्टी किसान मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य देवांशु किशोर कहते हैं, चुनाव की जो भी खटास है उसे अब दूर किया जाना चाहिए। गिले-शिकवे भूलकर आगे की रणनीति तैयार की जानी चाहिए। पार्टी जिलाध्यक्ष रंजन कुमार पहले ही कह चुके हैं, संगठन ने एनडीए के सभी उम्मीदवारों के लिए काम किया था। एक-दो जगह पर जो हार हुई उसके लिए कमोबेश उम्मीदवार की कार्यशैली भी कारण बनी।


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