पूर्वी चंपारण के रक्सौल में ठंड व घने कोहरे से जन जीवन प्रभावित
सीमावर्ती अनुमंडल क्षेत्र में हिमालय के तलहटी वाले क्षेत्र घने कोहरे की वजह से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है। ठंड ने रविवार को भी अपना जबरदस्त असर दिखाया है। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में देर शाम से पूरा शहर घने कुहासे के चादर में लिपटा है।
रक्सौल पूर्वी चंपारण, जासं । जहां पूरे प्रदेश में अचानक मौसम में बदलाव के साथ ठंड में कमी आई है वहीं नेपाल से सटे पूर्वी चंपारण के रक्सौल मेंं अभी ठंड और कोहरे का कहर जारी है। सीमावर्ती अनुमंडल क्षेत्र में हिमालय के तलहटी वाले क्षेत्र घने कोहरे की वजह से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है। ठंड ने रविवार को भी अपना जबरदस्त असर दिखाया है। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में देर शाम से पूरा शहर घने कुहासे के चादर में लिपटा है। सुबह के दस बजे तक विजिबिलिटी 50 से 60 मीटर से भी कम है । दिन में अंधेरा जैसा दिख रहा है । आसमान पूरी तरह से बादलों और कोहरे से ढका हुआ है । रह-रहकर ठंडी हवा लोगों की तकलीफें बढ़ा रही है । ठंढ की वजह से लोग घरों से निकलना कठिन है ।
सड़क फिलहाल चहलपहल नहींं है । बढ़ी हुई ठंड का सबसे बुरा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है। इसके अलावें आर्थिक रूप से कमजोर झुगी झोपड़ियों और फुटपाथी जीवन पर पड़ा है । वगैर वारिश धरती गीली हो गई है। जिससे ठंड में इजाफा हो गया है। लगतार पारा और नीचे गिर रहा है। और तेज ठंढ की संभवना है। धूप निकलने के आसार नहींं दिख रहा हैं। कुहासा के चलते गाड़ियों की रफ्तार हुई धीमी घना कुहासा के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग यानी दिल्ली-काठमांडू को जोड़ने वाली मुख्यपथ पर वाहनों की रफ्तार भी प्रभावित हैं। वाहन धीमी गति से चल रहे हैं । दिन के करीब दस बजे भी वाहन चालक लाईट जलाकर चल रहे है । कोहरे के कारण दिन में अंधेरा छाया हुआ है । नेपाल पूर्वानुमान कार्यालय के अनुसार मौसम पूर्वानुमान विभाग लगतार अलर्ट जारी कर रहा है । हिमालय के तलहटी वाले सीमावर्ती क्षेत्र में हल्की पछिया हवा चल रही है । जिससे इससे कनकनी बढ़ गई है ।