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मुजफ्फरपुर में सीएम नीतीश कुमार की पार्टी की नई चाल, बड़ा सवाल, क्या कुशवाहा वोटर लौटेंगे?

टीम आरसीपी सिंह ने जिले में भी लवकुश समीकरण को बढ़ाया आगे। रंजीत सहनी की जगह मनोज को बनाया गया मुजफ्फरपुर का जिलाध्यक्ष। पार्टी के अंदर जारी कलह को खत्म करने के साथ-साथ एनडीए के सोशल इंजीनियरिंग पर नजर।

By Ajit kumarEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 01:45 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 01:45 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में सीएम नीतीश कुमार की पार्टी की नई चाल, बड़ा सवाल, क्या कुशवाहा वोटर लौटेंगे?
टीम आरसीपी सिंह ने अपनी लवकुश नीति को जिले में आगे बढ़ाया है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, [अमरेन्द्र तिवारी]। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुसार नहीं रहा। इसका प्रभाव वर्तमान सरकार में स्पष्ट रूप से दिख रहा है। यही वजह है कि जदयू ने अपने आधार वोटर को साधने के लिए हरसंभव जतन आरंभ कर दिया है। इसी क्रम में टीम आरसीपी सिंह ने अपनी लवकुश नीति को जिले में आगे बढ़ाया है। वर्तमान जिलाध्यक्ष रंजीत सहनी की जगह अब संगठन की कमान मनोज कुुमार (क‍िसान) के हाथों में सौंपी गई है। इन्‍हें जहां एक ओर पार्टी के भीतर जारी गत‍िरोध को खत्‍म करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा वहीं, एनडीए के आंतर‍िक संतुलन को भी कायम रखना होगा। 

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तीर का न‍िशाना लव-कुश वोट पर

इस बार मीनापुर सीट से जदयू के प्रत्‍याशी रहे प्रगतिशील किसान मनोज कुमार कुशवहा को जिला जदयू की कमान सौंपी गई है। इसे अप्रत्‍याश‍ित नहीं माना जा रहा। क्‍योंक‍ि आरसीपी स‍िंह के बाद ज‍िस तरह से उमेश कुशवाहा को जदयू प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया गया था, उससे यह संकेत को म‍िल ही रहे थे की सीएम नीतीश कुमार की पार्टी अब अपने आधार वोट को फ‍िर से साधने की कोश‍िश करेगी। अभी ज‍िन 41 जिलाध्यक्षों को नियुक्त किया गया है उसको देख कर यह बात साबित भी हो रही है। जहां तक मुजफ्फरपुर की बात है तो पूर्व जिलाध्यक्ष हरिओम कुशवाहा ने चुनाव के समय खुलकर बगावत कर द‍िया था।  वे सकरा सीट पर स्थानीय प्रत्याशी की मांग कर रहे थे। जबकि उस समय कांटी के विधायक रहे अशोक चौधरी ने अपनी दावेदारी पेश की और वे जीते भी। इधर, केंद्रीय व राज्य इकाई में परिवर्तन के बाद अति पिछड़ा समाज से आने वाले रंजीत सहनी को हटाकर पार्टी ने कुशवाहा समाज से आने वाले मनोज कुशवहा को जिला का मुखिया बनाया है। यह भविष्य ही बताएगा कि पार्टी का यह फंडा कितना कारगर हुआ ? वैसे विधानसभा चुनाव के दौरान जिस तरह का प्रदर्शन पार्टी का रहा, इसके बाद दल के अंदर ही जिलाध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। उसके बाद से ही बड़ेे बदलाव की तैयारी चल रही थी।

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संभाल चुके हैं किसान प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी

प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के राजनीतिक सलाहकार समिति के सदस्य प्रो. शब्बीर अहमद ने कहा कि मनोज कुशवाहा के पिता स्वर्गीय कृष्णदेव प्रसाद मेहता समाजवादी नेता रहे हैं। महान समाजवादी नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री जार्ज फर्नांडिज व जननायक कर्पूरी ठाकुर के करीबी रहे। समता पार्टी के जिले में संस्थापक सदस्य भी रहे हैं। उनकी राजनीतिक विरासत संभाल रहे मनोज कुशवाहा प्रदेश जदयू के किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जवाबदेही भी निभाई है। उनके पिताजी के रहते हुए उनकी जैविक खेती को देखने व उसको प्रोत्साहित करने के लिए सीएम नीतीश खुद मीनापुर आए थे। उनके खेत व बगीचाें का भ्रमण किया था। कृष्णदेव मेहता के नहीं रहने के बावजूद मनोज लगातार जदयू के साथ समर्पित रहे।  


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