Muzaffarpur Weather: आसमान में छाए रहेंगे बादल, उत्तर बिहार के जिलों में होगी हल्की बारिश
सीतामढी पूर्वी व पश्चिमी चंपारण में अधिक वर्षा की उम्मीद मौसम विभाग से जारी पूर्वानुमान अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल छाए रह सकते है। इस अवधि में 31 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच अधिकतम तापमान रह सकता है।
समस्तीपुर, जासं। अगले कुछ दिनों तक उत्तर बिहार में आसमान में हल्के बादल छाए सकते हैं। मौसमीय सिस्टम के प्रभाव से 1-2 अक्टूबर को उत्तर बिहार के अनेक स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। जबकि सीतामढी, पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण में थोड़ी अधिक वर्षा होने की संभावना है। यह कहना है मौसम विभाग का। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग से जारी बुलेटिन के अनुसार पूर्वानुमान अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल छाए रह सकते है।
1-2 अक्टूबर के आसपास उत्तर बिहार के अनेक स्थानों पर सक्रिय मौसमीय सिस्टम के प्रभाव से हल्की वर्षा हो सकती है। जबकि सीतामढ़ी, पूर्वी तथा पश्चिमी चंपारण में थोड़ी अधिक वर्षा होने की संभावना है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 31 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। जबकि न्यूनतम तापमान 25 से 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 85 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 70 से 75 प्रतिशत रहने की संभावना है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 6 से 12 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलने की संभावना है। वहीं शिवहर में गुरुवार को मौसम सामान्य हैं। अलसुबह धूप खिली। हल्की हवा भी चल रही है। आसमान में हल्के बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार दिन के तीसरे पहर के बाद हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। दरभंगा जिले में सुबह से धूप खिली है। बीच-बीच में बादल भी उमड़ रहे हैं। सुबह से ही लोग गर्मी के कारण परेशान रहे।
बारिश धान के लिए फायदेमंद
रामनगर। सुबह से उमड़ घुमड़ कर रहे बादलों के बीच बुधवार को दोपहर के बाद बारिश हुई। जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। जिससे उमस वाली गर्मी से लोगों को राहत मिल गई। हालांकि बारिश हल्की थी। कृषि विज्ञानियों की मानें तो, यह बारिश धान के लिए काफी फायदेमंद है। पर, अधिक बारिश की स्थिति में यह फसलों को खराब भी कर सकती है। वहीं नीची भूमि में जलजमाव के कारण गन्ना को काटने में देरी हो सकती है। इधर मौसम का मिजाज बिगडऩे से नगर के बाजार में पहुंचे लोगों को छिपने के लिए इधर उधर शरण लेनी पड़ी। नगर की सड़कों पर भी कीचड़ हो गया। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी परेशानी उठानी पड़ी। बता दें कि बीते मई से लेकर अभी तक लोगों का बारिश से पाला पड़ता आ रहा है। वहीं अगस्त में तो, कई बार लोगों को बाढ़ का सामना भी करना पड़ा था। इससे अभी तक नगर व प्रखंड में करीब 16 सौ हेक्टेयर से अधिक फसल बर्बाद हो गई है। प्रभारी कृषि पदाधिकारी प्रदीप तिवारी ने बताया कि बारिश हल्की है। इससे सबसे अधिक फायदा धान के खेती को होगा।