मधुबनी में नगर पंचायत क्षेत्र में स्वच्छता अभियान का बजट हजारों से पहुंचा लाखों में, नहीं बढ़ी सुविधा
सड़कों पर बहता नाला का पानी लोगों की बढ़ती जा रही परेशानी। नगर पंचायत के पिछले कार्यकाल तक जहां इस क्षेत्र में सफाई अभियान पर 16 से 24 हजार मासिक खर्च हुआ करते थे वहीं आज के समय यह खर्च छलांग मार कर 13.89 लाख मासिक पहुंच चुका है।
मधुबनी, जेएनएन। सरकार की नीति भले ही नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा देने की हो, लेकिन झंझारपुर नगर पंचायत क्षेत्र में स्थिति कुछ अलग ही हालात बयां कर रहे हैं। स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपये खर्च तो हो रहे, लेकिन उसका फलाफल धरातल पर कहीं नजर नहीं आता। नगर पंचायत क्षेत्र में स्वच्छता अभियान की दुर्दशा देखने के बाद यही लगता है कि ज्यों-ज्यों दवा की, मर्ज और बढ़ता ही गया।
नालों की नियमित सफाई नहीं हो पा रही
नगर पंचायत के पिछले कार्यकाल तक जहां इस क्षेत्र में सफाई अभियान पर 16 से 24 हजार मासिक खर्च हुआ करते थे, वहीं आज के समय यह खर्च छलांग मार कर 13.89 लाख मासिक पहुंच चुका है। लेकिन, उस अनुपात में नगर पंचायत क्षेत्र की सफाई नजर नहीं आती। हां, सफाई अभियान को हाइटेक अवश्य कर दिया गया है। बिना मास्टर प्लान के बने इस नगर के अधिकांश छोटे-बड़े नालों की नियमित सफाई नहीं हो पा रही। नियमित सफाई के अभाव में सड़क पर उपलाता हुआ गंदा पानी यहां के राहगीरों का रास्ता बदलने को अवश्य मजबूर कर देते हैं। बीते दो-तीन दिनों से वार्ड चार में स्थित ड्योढि़ तालाब के निकट नाला उपला कर सड़क पर बह रहा है। इससे निकलते दुर्गंध ने लोगों को इस सड़क से गुजरना मुश्किल कर दिया है। वार्ड चार की पार्षद लीला देवी बताती हैं कि छठ पूजा के समय नाला का बहाव बंद कर दिया गया था। जिसके कारण नाला का गंदा पानी उपला कर सड़क पर बहने लगा है। नगर पंचायत प्रशासन को इसकी सूचना दे दी गई है। नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि एक-दो दिनों में यहां पक्का नाला का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। जल्द ही यह समस्या दूर हो जाएगी। कोरोना संक्रमण के इस काल में स्वच्छता की इस समस्या को गंभीर माना जा रहा है। इसकी वजह से अन्य बीमारियों के फैलने की आशंका हमेशा बनी रहती है। ऐसे में इसको लेकर गंभीर होना जरूरी है। अभी जलजमाव के समय भी इस तरह की आशंका प्रकट की जा रही थी।