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बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट: चिराग बोले- आशीर्वाद नहीं, मापदंडों को पूरा करने वाला होगा लोजपा प्रत्याशी

Madhubani News लोजपा की बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट रैली में कार्यकर्ताओं को दिए टास्क। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नियोजित शिक्षकों की मांगों का किया समर्थन।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 06:22 PM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 06:22 PM (IST)
बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट: चिराग बोले- आशीर्वाद नहीं, मापदंडों को पूरा करने वाला होगा लोजपा प्रत्याशी
बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट: चिराग बोले- आशीर्वाद नहीं, मापदंडों को पूरा करने वाला होगा लोजपा प्रत्याशी

मधुबनी, जेएनएन। लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में किसी के आशीर्वाद से कोई पार्टी का प्रत्याशी नहीं बनेगा। संभावित प्रत्याशियों को तीन मापदंडों को पूरा करना होगा। लोजपा के संभावित प्रत्याशियों को विधानसभा स्तर पर 25 हजार सदस्य बनाने होगें। विधानसभा का अपना घोषणा पत्र तैयार करना होगा। इसमें हरेक बूथ की समस्याओं की चर्चा होगी। वे यहां नगर परिषद के विवाह भवन में बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट रैली को संबोधित कर रहे थे।

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14 अप्रैल को जारी किया जाएगा घोषणा पत्र

श्री पासवान ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को जमीन से जुड़कर लोगों के साथ पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करना होगा। 14 अप्रैल का पटना में पार्टी रैली में घोषणा पत्र जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आइपीएस, आइएएस समेत देश के संपूर्ण हिस्सों में बड़े-बड़े पदों पर बिहार के लोग आसीन होने के बाद भी बिहार विकास में पिछड़ा रहा है। बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए लोजपा आम लोगों से सुझाव ले रही है। लोगों के सुझाव को घोषण पत्र में शामिल किया जाएगा।

 बिहार की शिक्षा व्यवस्था काफी सुदृढ़ रहने के बाद भी शिक्षा के विकास में पिछड़ गया है। बिहार के विकास की बात की जा रही है। मगर, आजादी के देश के विभिन्न राज्यों के विकास की तुलना में बिहार का विकास नहीं हो सका है। बिहार का समुचित विकास होता तोे बिहार से पलायन रुक जाता। मगर, रोजगार के लिए आज भी बिहार से पलायन जारी है। बिहार में अपराध पर काबू पाने की कोशिश कारगर नहीं हो रहा है। अपराध को रोकने के लिए जारी डायल 100 नंबर काम नहीं कर रहा है।

 बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों के थानों में महिला पुलिस की भारी कमी बनी है। नियोजित शिक्षकों की मांग को जायज बताते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों की मांगों को पूरा किया जाना चाहिए। शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया पर रोक लाते हुए बहाली प्रक्रिया का अपनाना चाहिए। बिहार में स्वास्थ्य सेवा की स्थित चरमरा चुकी है। स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की भारी कमी बनी है।


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