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दरभंगा: परदेसियों की घर वापसी की दुआ कर रहे बच्चे, नए रोजगार के सृजन का लिया जा रहा संकल्प

Darbhanga news बिरौल के विभिन्न इलाकों से दूसरे राज्यों में काम करने गए लोगों के घरों में कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच बच्चे मांग रहे अपने के सलामती की दुआ घर वापसी के बाद प्रवासी कामगारों शुरू की स्थानीय स्तर पर लघु उद्योग स्थापित करने की कवायद।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 04:52 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 04:52 PM (IST)
दरभंगा: परदेसियों की घर वापसी की दुआ कर रहे बच्चे, नए रोजगार के सृजन का लिया जा रहा संकल्प
कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए करें गाइडलाइन का पालन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

दरभंगा, बिरौल {संतोष मिश्र}। पापा आप जल्द लौट के आ जाओ। आपके हर कार्य में हम सभी हाथ बटाएंगे। कोरोना की क्रूर लीला के बीच परदेसियों के बच्चे रोज अपने पिता व अन्य की बेहतर स्वास्थ्य के लिए ईश्वर से दुआ मांग रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर ने एक बार फिर लोगों के हाथ पैर बांध दिए हैं। परदेस की कमाई पर आश्रित लोग अपने परिवार के भरण पोषण की चिंता में डूबे हैं। गांव से पलायन कर परदेश में रहनेवाले कामगार एक बार फिर गांव लौटने को विवश हैं। दूसरे राज्य की नौकरी छोड़कर गांव आए युवाओं ने नए संकल्प के साथ गांव में ही रोजगार शुरू किया है। वहीं जो लोग अभी भी दूसरे प्रदेश में टिके हैं, उन्हें गांव लौटने के लिए कंफर्म टिकट नहीं मिल पा रहा, सो उनके बाल बच्चे बेचैन हैं।

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कोरोना महामारी में निकालेंगे अवसर, बदलेंगे गांव की तस्वीर

घर लौट रहे लोगों ने अपने घर की तरक्की के साथ गांव की तस्वीर बदलने की ठानी है। नए रोजगारों का अवसर तलाशने में यहां के कई युवा जुट गए हैं। पढ़े लिखे लोगों ने शिक्षा से जुड़े अभियान की शुरुआत कर दी है। डोर टूर डोर कोङ्क्षचग संस्थान शुरू की है। ग्रुप सिस्टम बनाकर कई युवा गाय और बकरी पालन जैसे कार्य को रोजगार के अवसर में बदलेंगे,पूंजी की आवश्यकता पर बस इनको थोड़ी बहुत बैंक के सहयोग की जरूरत है।

विभिन्न तरह के लघु उद्योग लगाकर गांवों की तकदीर बदलने का संकल्प

प्रखंड के नवटोल निवासी सरोज खतवे ने अपने घर पर ही एक छोटी रेडीमेड की दुकान इसी सप्ताह शुरू की है। इससे पहले वो गुजरात के बड़े हीरा कारोबारी की दुकान में हीरा घिसाई का कार्य कर रहे थे। महीने के बीस से पच्चीस हजार कमाता था। छोटू सि‍ंह, हरे कृष्ण झा, पवन मंडल ने कहा कि सरकार थोड़ी बहुत मदद करे तो हरियाणा मेड के दर्जनों बकरी पालन से रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्त हो जाएंगे। भवानीपुर के प्रहलाद झा के भतीजी खुशबू कुमारी,भतीजा रोहित कुमार,बबलू कुमार ने कहा कि उनके पाप मुंबई में टेम्पू के मैकेनिक है।वे जल्द घर आ जाएं तो गांव में ही रोजगार कर एक साथ रहेंगे। उनके कार्यों में सभी लोग हाथ बंटाने का कार्य करेंगे।


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