बिहार के सरकारी स्कूल के बच्चे इस तरीके को अपनाकर कर पाएंगे मोबाइल से पढ़ाई
टीचर्स आफ बिहार की ओर से स्कूल आन मोबाइल कल से। वर्ग पांच से 10 तक के बच्चों के लिए आनलाइन कक्षाओं का होगा संचालन। टीम फेसबुक लाइव के माध्यम से विगत दो वर्षों से यह कार्यक्रम संचालित करती आ रही है।
मुजफ्फरपुर, जासं। टीचर्स आफ बिहार सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए स्कूल आन मोबाइल कार्यक्रम मंगलवार से प्रारंभ कर रही है। वर्ग पांच से 10 तक के बच्चों के लिए आनलाइन कक्षाओं का संचालन होगा। शिक्षक केशव कुमार ने बताया कि संक्रमण को लेकर एहतियातन सभी विद्यालय 21 जनवरी तक बंद है। वर्तमान समय में जिस रफ्तार से कोरोना के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है उसको देखते हुए अभी विद्यालय खुलना मुश्किल है।
टीचर्स आफ बिहार की टीम फेसबुक लाइव के माध्यम से विगत दो वर्षों से स्कूल आन मोबाइल कार्यक्रम संचालित करती आ रही है। बच्चों की पढ़ाई का आनलाइन मूल्यांकन भी करती है। वैसे बच्चे जो किसी कारणवश लाइव कक्षाओं में भाग नहीं ले सकते वह अपनी कक्षाएं फेसबुक पर बाद में भी देख सकते हैं। प्रत्येक दिन के अंत में सभी लाइव कक्षाओं के फेसबुक ग्रुप के लिंक को संक्षिप्त करते हुए एक जगह समेकित कर स्कूल आन मोबाइल के वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इस कंपोजिट लिंक को राज्य के सभी जिलों में ब्लाक स्तर तक बने टीचर्स आफ बिहार के शिक्षकों के वाट्सएप ग्रुप में प्रेषित किया जाएगा। कोशिश की जाएगी कि स्कूली बच्चों तक आसानी से पहुंच सके।
कई वर्षों से दक्षता परीक्षा नहीं, वेतन वृद्धि से शिक्षक वंचित
मुजफ्फरपुर : कई वर्षों से शिक्षकों की दक्षता परीक्षा नहीं लेने के कारण जिले के कई शिक्षक वेतन वृद्धि के लाभ से वंचित हैं। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपा है। मांग है कि दक्षता परीक्षा से वंचित सभी शिक्षकों को उनकी पूरी सेवा अवधि की वार्षिक वेतन वृद्धि एकमुश्त जोड़कर उसके आधार पर 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। परीक्षा लेने का काम सरकार का है। 1 अप्रैल 2021 के प्रभाव से नियोजित शिक्षकों को 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाना है जिसका 1 अप्रैल 2021 को मिल रहे वेतन के आधार पर निर्धारण किया जाना है। इस क्रम में राज्य सरकार की नियमावली के अनुसार जिन शिक्षकों ने दक्षता परीक्षा में सफलता प्राप्त नहीं की है उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि से वर्षों से वंचित रखा गया है। इस कारण उन्हें उनका वेतन अन्य शिक्षकों की तुलना में हजारों रुपये कम है और उसी कम वेतन के आधार पर वेतन का निर्धारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में अंतिम बार दक्षता परीक्षा ली गई थी और जिन शिक्षकों की सेवा 3 वर्ष पूरी नहीं हुई थी उन्हें उस परीक्षा में बैठने का मौका नहीं मिल सका। उक्त परीक्षा में जो प्रथम या द्वितीय प्रयास में असफल हो गए थे उन्हें परीक्षा में बैठने का पुन: अवसर नहीं मिल सका। इस कारण इन शिक्षकों को प्रत्येक वर्ष वार्षिक वेतन वृद्धि से वंचित कर दिया जाता है और अबतक उन्हें हजारों रुपये का नुकसान प्रतिमाह हो रहा है।