पढे भारत ऑनलाइन: Online Class में शिक्षकों के सवालों का जवाब फटाफट दे रहे बच्चे
पढे भारत ऑनलाइन कोरोना काल में घरों में कैद बच्चे सुबह से मोबाइल पर जूम ई-नेट आदि के जरिये अपने ऑनलाइन क्लास से जुड़ने में लग जा रहे हैं।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कोरोना काल में घरों में कैद बच्चे सुबह से मोबाइल पर जूम, ई-नेट आदि के जरिये अपने ऑनलाइन क्लास से जुड़ने में लग जा रहे हैं। उनको उत्सुकता होती है कि आज क्या कुछ पढ़ाई होने वाली है। शिक्षक भी बच्चों को पढ़ाने के लिए तत्पर रहते हैं। ऐसा देखा जा रहा है कि ऑनलाइन क्लास में शिक्षकों के सवालों के जवाब बच्चे फटाफट दे रहे हैं। शिक्षक लगातार वीडियो बनाकर बच्चों तक अध्ययन सामग्री को पहुंचाते रहते हैं। हालांकि पाठ्यक्रम से संबंधित अधिक वीडियो भेजने और लगातार मोबाइल पर जमे रहने पर बच्चे बोर भी हो जाते हैं। बीच-बीच में उठकर इधर-उधर चहलकदमी करने से भी वे बाज नहीं आते हैं।
बच्चों के साथ स्वजन भी रहते व्यस्त
छोटे-छोटे बच्चों के ऑनलाइन पढ़ाई में थोड़ी दिक्कत आती है। इसमें बच्चों के साथ अभिभावकों को भी लगना पड़ता है। बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई करना चाहते हैं, शिक्षकों को इसका भी ख्याल रखना पड़ता है।
अतिरिक्त प्रयासों से अपनी कमजोरियों को दूर करने का सुनहरा अवसर
कोविड-19 संकट काल में मिला अतिरिक्त समय विद्यार्थी अपनी अंग्रेजी को मजबूत करने में लगा सकते हैं। इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल के अंग्रेजी के शिक्षक मुकेश कुमार सिंह का कहना है कि वैश्विक महामारी का प्रभाव बच्चों और छात्रों पर सर्वाधिक पड़ा है। लगभग तीन महीनों से उनकी पढ़ाई बाधित हैं। बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से की जा रही है और इससे उनकी पढ़ाई मजबूत दिशा में अग्रसर है, फिर भी इस अवधि में बच्चों के पास अतिरिक्त प्रयासों के द्वारा अपनी कमजोरियों को दूर करने का सुनहरा अवसर भी है।
ऑनलाइन डिक्शनरी से लेनी चाहिए सहायता
अंग्रेजी आज विश्व की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाषाओं में गिनी जाती है और इस भाषा में पीछे रहने का मतलब है विकास के क्षेत्र में पीछे रहना। विद्यार्थी अपनी ऑनलाइन क्लास के माध्यम से ग्रामर के महत्वपूर्ण चैप्टर जैसे टेन्स, सब्जेक्ट वर्ब एग्रीमेंट, वॉइस, आर्टिकल्स, डायरेक्ट एंड इनडायरेक्ट स्पीच इत्यादि पर अपनी पकड़ को मजबूत कर सकते हैं। शब्द भावार्थ और शब्दकोष एक बड़ी बौद्धिक संपत्ति होती है। इस समय बच्चों को ऑनलाइन डिक्शनरी तथा अन्य स्त्रोतों से इस क्षमता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। अपनी रचनात्मक सक्रियता में संवर्द्धन के लिए विद्यार्थियों को यू-ट्यूब पर उपलब्ध ग्रुप डिस्कशन, डिबेट का वीडियो देखने चाहिए तथा उससे इन गतिविधियों की बारीकिया सीखनीं चाहिए। ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई बच्चों के लिए एक नया अनुभव है। इसका वे भरपूर लाभ उठाएं।