Move to Jagran APP

शिवहर में कोरोना संक्रमणकाल में भी पोषण एवं पुर्नवास केंद्र पर मिल रहा बच्चों को नवजीवन

पोषण पुनर्वास केंद्र की एफडी चित्रा मिश्रा बच्चों को कुपोषण से छुटकारा दिलाने में हैं लगी ग्रामीण क्षेत्रों व मलिन बस्तियों के बच्चों को उचित डाइट नहीं मिल पाती नतीजतन वे कम वजन व लंबाई और बार-बार बीमारी से जूझते हैं।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 10:28 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 10:28 AM (IST)
शिवहर में कोरोना संक्रमणकाल में भी पोषण एवं पुर्नवास केंद्र पर मिल रहा बच्चों को नवजीवन
शिवहर में पोषण एवं पुनर्वास केंद्र की एफडी चित्रा मिश्रा। जागरण

शिवहर, जासं। बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास उसकी खुराक (डाइट) पर भी निर्भर करता है। विटामिन, मिनरल, कैल्सियम, प्रोटीन, फाइबर आदि से भरपूर खुराक से बच्चे का विकास सही ढंग से होगा ही, वह तंदुरुस्त भी रहेगा। यह कहना है। सदर अस्पताल, शिवहर में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र की एफडी चित्रा मिश्रा का। डायटीशियन चित्रा मिश्रा ने अपने उचित डायट से अभी तक केंद्र में भर्ती लगभग 100 बच्चों के जीवन में खुशियां लौटाई हैं। वो कहती हैं हकीकत ये है, कि ज्यादातर माताएं संतुलित आहार व खुराक (डाइट) क्या है? जानती तक नहीं। ग्रामीण क्षेत्रों व मलिन बस्तियों के बच्चों को उचित डाइट नहीं मिल पाती, नतीजतन वे कम वजन व लंबाई और बार-बार बीमारी से जूझते हैं। ऐसे में बच्चों की डायट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

loksabha election banner

चित्रा मिश्रा बताती हैं वो केंद्र पर आने वाले बच्चों की माताओं की काउंसलिंग भी करती हैं। काउंसलिंग में बताती हैं कि बच्चे के शरीरिक और मानसिक विकास के लिए क्या-क्या खिलाना है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी उचित डाइट की सलाह देती हैं, जिससे होने वाला बच्चा तंदरुस्त हो।

चित्रा मिश्रा बताती हैं बच्चों को खुराक (डाइट) के अनुसार खाना दिया जाना जरूरी है। तभी वह कुपोषण का शिकार नहीं हो पाएगा। यहां केंद्र पर भर्ती बच्चों के लिए डाइट प्लान तैयार किया गया है। जिसके अनुसार बच्चों को मिक्स डाइट की दवा दी जाती है। वहीं बच्चों को आहार में खिचड़ी, दलिया, सेव, चुकंदर, अंडा दिया जाता है। वहीं गर्भवती को आयरन, कैल्सियम, व फॉलिक एसिड लेना चाहिए। खजूर, गुड़, चना, दूध व दूध से बनी चीजें, चिकन-अंडा, मुरमुरे, अनार, सेब, चीकू, अमरूद, पनीर व दाल का सेवन करना चाहिए। खूब पानी पीना चाहिए। इससे बच्चे को भी भरपूर पोषक तत्व मिलेंगे और वह स्वस्थ होगा। जन्म के छह माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाना चाहिए।

कोरोना संक्रमण काल के इस दौर में भी चित्रा मिश्रा बच्चों की देखरेख में दिन-रात जुटी हैं। जिले के सैकड़ों स्वास्थ्य कर्मी इस समय कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर काम कर रहे हैं। इस विषम परिस्थिति में चित्रा मिश्रा भी सेवाभाव की ऐसी ही मिसाल कायम कर रही हैं।

वह न सिर्फ केंद्र में भर्ती सभी बच्चों का ध्यान रखती है, बल्कि बच्चे को कैसे कोरोना संक्रमण से बचा कर रखा जा सके इसकी भी जानकारी देती हैं । सदर अस्पताल स्थित पोषण एवं पुनर्वास केंद्र बच्चों को न केवल नवजीवन प्रदान कर रहा है, बल्कि कुपोषण के खिलाफ बड़ा हथियार साबित हो रहा है। सदर अस्पताल में संचालित पोषण एवं पुनर्वास केंद्र में बच्चों को पौष्टिक भोजन के जरिए कुपोषण से बचाया जा रहा है। वहीं अक्षर ज्ञान के जरिए मानसिक विकास भी कराया जा रहा है। पिछले एक साल में पोषण और पुनर्वास केंद्र में 80 से अधिक बच्चों को नवजीवन मिला है। अभी केंद्र में 7 बच्चे भर्ती हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.