मुख्यमंत्री ने कहा: अब नेशनल ग्रिड से जुड़ जाएगा सीतामढ़ी, उत्तर बिहार के लोगों को मिलेगा लाभ
620 करोड़ रुपये की लागत से जिले के पमनादपुर गांव में बन रहा विद्युत उपकेंद्र, मंच पर पहुंचे सीएम ने आम जनता का अभिवादन किया, काफी संख्या में लोगों की जुटी हुई है भीड़।
सीतामढ़ी, जेएनएन। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। बिहार में न्याय के साथ विकास हो रहा हैं। पहले हम लालटेन युग में जी रहे थे, अब बिजली युग है। सीएम ने गुरुवार को महान संत तपस्वी पंगु बाबा की तपस्थली और सीतामढ़ी शहर से सटे परमानंदपुर में पावर ग्रिड का शिलान्यास, महिला आइटीआइ और इनडोर स्टेडियम का उद्घाटन करने के बाद आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि अब गांव गांव तक बिजली है। सीतामढ़ी अब नेशनल ग्रिड से जुड़ जाएगा। यह कोई छोटा प्रोजेक्ट नहीं है। इससे उत्तर बिहार के लोगों को लाभ मिलेगा। कहा कि सीतामढ़ी के मेहसौल में 13 करोड़ की लागत से आरओबी बनेगा। लगमा से मोहनपुर तक फोर लेन सड़क बनेगी। हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है। हर गली में सड़क और पक्की नाली का निर्माण कराया जा रहा है। सीएम ने एक बार फिर नशा, बाल विवाह और दहेज का सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की।
उन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा पर चर्चा की। सीएम ने कहा कि सद़भाव के बगैर विकास अधूरा है। विकास का लाभ लेने के लिए आपस में प्रेम और भाइचारा कायम करें। कुछ लोग समाज को बांटना चाहते हैं। लोगों को भड़काना चाहते हैं। उन्होंने लोगों से भड़काने वाले लोगों से बचने की अपील की। कहा कि दूसरे धर्म के लोगों का भी सम्मान करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इसकी परवाह नहीं है कि चुनाव कौन जीतता और कौन हारता है। जनता चाहेगी तो सेवा करेंगे।
हालांकि उन्होने कहा कि अगली बार भी हम चुनाव जीतेंगे और मोदी सरकार को उनका समर्थन रहेगा। इससे पूर्व सीतामढ़ी पहुंचने पर सीएम ने सलामी ली। उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान मुख्यमंत्री, केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री राजकुमार सिंह, ऊर्जा सह मध निषेध मंत्री विजेंद्र यादव, पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव, एमपी रामकुमार शर्मा, देवेश चंद्र ठाकुर, विधायक रंजू गीता, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा का भव्य स्वागत किया गया।
हमारा वश चलता तो एमडीएम को बंद कर देते
सीएम ने प्रदर्शन कर रही रसोइयों को कहा कि यह केंद्र सरकार की योजना है। हमारा वश चलता तो एमडीएम को बंद कर देते। इसकी जगह पैसे बच्चों के बैंक खाते में भेज देते। बच्चा घर से खा कर स्कूल जाता। कहा कि वे उनसे सहानुभूति रखते हैं। अपनी ओर से कुछ मेहनताना बढ़ा देंगे।