दरभंगा रेडियो स्टेशन के खिलाफ आमजन से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग तक लामबंद, लगाया यह आरोप
दरभंगा आकाशवाणी केंद्र से मैथिली में प्रसारित होने वाले लोकप्रिय कार्यक्रम हालचाल का हिंदी में प्रसारण करने का विरोध। बुद्धिजीवियों ने की कार्रवाई की मांग।
दरभंगा, जेएनएन। पीएम नरेंद्र मोदी के लोकल से ग्लोबल की ओर बढऩे का आह्वान करते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक शिक्षा की पढ़ाई मातृभाषा में शुरू करने पर बल देते हुए जड़ से जग तक का संदेश प्रसारित करने के बीच आकाशवाणी के दरभंगा केंद्र की ओर से लगभग डेढ़ दशक से मैथिली में प्रसारित हो रहे लोकप्रिय कार्यक्रम नमस्कार मिथिला के अंर्तगत हाल-चाल को मैथिली की जगह हिंदी में प्रसारित किए जाने का मामला तूल पकडऩे लगा है। इस कार्यक्रम की लोकप्रियता मिथिला के आम से लेकर खास लोगों के बीच होना जगजाहिर है। ऐसे में अधिकारियों के अविवेकपूर्वक निर्णय को लेकर आमजन से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग तक लामबंद होने लगे हैं।
मैथिली भाषी लोगों की भावना से खिलवाड़
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. भीमनाथ झा मैथिली में प्रसारित कार्यक्रमों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अधिकारियों की अदूरदर्शिता के कारण आकाशवाणी का दरभंगा केंद्र अपनी स्थापना के मूलभूत उद्देश्यों भटकता जा रहा है। ऐसा कर यह करोड़ों मैथिली भाषी लोगों की भावना को मानो साजिश के तहत निरंतर ठेस पहुंचाने का काम कर रहा है। उन्होंने मैथिली में प्रसारित हो रहे कार्यक्रमों के प्रसारण समय में भी अधिकारियों की ओर से मनमानी किए जाने का आरोप लगाया है। वैद्य गणपति नाथ झा ने कहा कि प्रधानमंत्री के क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा दिए जाने के आह्वान के मद्देनजर आकाशवाणी के दरभंगा केंद्र को जहां संपूर्ण कार्यक्रम मैथिली में प्रसारित किए जाने की तैयारी करनी चाहिए, वहां पूर्व से प्रसारित हो रहे मैथिली के लोकप्रिय कार्यक्रम के साथ छेड़छाड़ करते हुए इसे अन्य भाषा में प्रसारित कर प्रशासनिक अनुशासन की घनघोर अवहेलना की है।
जन जागृति का आवश्यक माध्यम बने आकाशवाणी
वरिष्ठ साहित्यकार व ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर मैथिली विभाग के वरीय शिक्षक डॉ. अशोक कुमार मेहता ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 में प्राथमिक शिक्षा की पढ़ाई मातृभाषा में शुरू किए जाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए आकाशवाणी के दरभंगा केंद्र से प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को जन जागृति का आवश्यक माध्यम बनाया जाना चाहिए। वहीं वे आकाशवाणी, दरभंगा से प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की उद्घोषणा अनिवार्य रूप से मैथिली में प्रारंभ किए जाने पर जोर देते हैं। साहित्यकार डॉ. महेंद्र नारायण राम संविधान के अनुच्छेद 29 में उल्लिखित विशिष्ट भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण के अधिकार से मिथिला के करोड़ों लोगों को वंचित किए जाने के कुत्सित प्रयास पर रोक लगाते हुए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध अविलंब दंडात्मक कार्यवाही की मांग करते हैं।