मुजफ्फरपुर में फर्जी कागजात पर चरस तस्कर बना नाबालिग, छानबीन शुरू
चरस तस्करी मामले में गिरफ्तार किए गए कटरा इलाके के एक आरोपित ने फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नाबालिग साबित करने का मामला सामने आया है।
मुजफ्फरपुर। चरस तस्करी मामले में गिरफ्तार किए गए कटरा इलाके के एक आरोपित ने फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नाबालिग साबित करने का मामला सामने आया है। इसमें कटरा इलाके के एक व्यक्ति ने वरीय पुलिस अधिकारियों को आवेदन भेजकर आरोप लगाया है। साथ ही आवेदक ने स्कूल, मतदाता सूची व डीटीओ दफ्तर से जारी ड्राइविंग लाइसेंस की कापी भी अधिकारियों को भेजी है। आवेदन में बताया गया कि कटरा इलाके का उक्त तस्कर लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस में जन्मतिथि आठ मार्च 1996 बताई है। साथ ही मतदाता सूची में इसकी आयु 30 साल अंकित है। फर्जी कागजात के आधार पर आरोपित को कारा से बाल पर्यवेक्षण गृह में स्थानातरित कर दिया गया है। आवेदन मिलने के बाद एसएसपी जयंत कांत ने नगर थाने की पुलिस को जांच के लिए भेजा है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
बता दें कि गत साल नगर थाने की पुलिस ने सरैयागंज टावर व गोला बांध रोड इलाके से छह चरस तस्करों को पकड़ा था। इसमें कटरा के तीन व नेपाल के तीन आरोपित शामिल थे। जांच में पता चला था कि नेपाल के तस्करों से ही चरस यहां लाई गई थी। इसी गिरोह से जुड़े दो तस्करों को मोतिहारी के चकिया टोल प्लाजा के निकट कार से पकड़ा गया था। ये दोनों मुंबई के रहने वाले हैं। इनकी पहचान उस्मान शेख व विजयवंशी प्रसाद के रूप में हुई थी। पुलिस का कहना है कि सभी तस्करों का आपस में नेटवर्क है। सभी एक-दूसरे से जुड़े हैं। नेपाल के रास्ते चरस व अन्य मादक पदार्थ लाकर विभिन्न जगहों पर पहुंचाने का धंधा करते हैं।