मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Navaruna murder case में पीएमसीएच के एफएमटी विभाग के चिकित्सक अरुण कुमार सिंह से सीबीआइ फिर पूछताछ कर सकती है। इससे पहले भी उनसे पूछताछ की जा चुकी है। पीएमसीएच के एफएमटी के फॉरेंसिक लैब में ही नवरुणा के घर के पास के नाले से मिले मानव कंकाल की पुलिस ने जांच कराई थी। जांच के बाद चिकित्सक ने 21 दिसंबर 2012 को रिपोर्ट सौंपी थी।
कंकाल के साथ छेड़छाड़ की आशंका
सीबीआइ को आशंका है कि कंकाल के साथ छेड़छाड़ की गई है। यह जांच को प्रभावित करने के लिए की गई है। पूछताछ के लिए सीबीआइ ने कंकाल की जांच करने वाले चिकित्सक से संपर्क किया है। हालांकि, सीबीआइ व चिकित्सक की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
ढाई माह बाद नाले में मिला था कंकाल
18 सितंबर 2012 की रात नगर थाना के जवाहरलाल रोड स्थित आवास से सोई अवस्था में नवरुणा का अपहरण कर लिया गया था। करीब ढाई माह बाद 26 नवंबर 2012 को उसके घर के पास नाला की नगर निगम की ओर सफाई कराते समय मानव कंकाल मिला था। पुलिस ने कोर्ट की अनुमति से इसे फॉरेंंसिक जांच के लिए पीएमसीएच के एफएमटी विभाग में भेजा था।
डीएनए टेस्ट में नवरुणा का कंकाल
सीबीआइ ने जब नवरुणा के माता-पिता के रक्त के नमूने व कंकाल के डीएनए की जांच कराई तो दोनों मैच कर गए। इसके आधार पर सीबीआइ ने कंकाल को नवरुणा का करार दिया।
टूटी कडिय़ां जोडऩे में जुटी सीबीआइ
नवरुणा के अपहरण व नाला से कंकाल मिलने के बीच जांच में सीबीआइ को कई कडिय़ां टूटती नजर आ रही हैं। इनको जोडऩे को लेकर सीबीआइ की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। सीबीआइ को आशंका है कि फॉरेंसिक लैब में कंकाल से छेड़छाड़ की गई। इससे जांच की कडिय़ां आगे नहीं बढ़ रही हैं। ये जुड़े इसके लिए नाला सफाई पर सीबीआइ लंबे समय से जांच को केंद्रित कर रखा है। माना जा रहा है कि जांच को पूरी करने को लेकर सीबीआइ इस बिंदु पर इन दिनों पूरी तरह सक्रिय है।
दस मार्च को पूरी हो रही नौंवी डेडलाइन
जांच पूरी करने को लेकर सीबीआइ को सुप्रीम कोर्ट से मिली नौंवी डेडलाइन दस मार्च को पूरी हो रही है। तीन माह की यह डेडलाइन उसे दस दिसंबर को मिली थी। सीबीआइ इससे पहले जांच पूरी करना चाहती है।
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